दिल्ली पुलिस ने चैतन्यानंद सरस्वती और चार अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया

दिल्ली पुलिस ने चैतन्यानंद सरस्वती और चार अन्य आरोपियों के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट में आरोपपत्र दायर किया है। सरस्वती को छात्राओं की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया था और वह तिहाड़ जेल में बंद हैं। अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए तारीख तय की है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और सरस्वती के खिलाफ लगे आरोपों के बारे में।
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दिल्ली पुलिस ने चैतन्यानंद सरस्वती और चार अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया

दिल्ली पुलिस की कार्रवाई

दिल्ली पुलिस ने बुधवार को चैतन्यानंद सरस्वती सहित चार अन्य आरोपियों के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट में आरोपपत्र पेश किया। सरस्वती को एक संस्थान की छात्राओं की शिकायत पर छेड़छाड़ के मामले में गिरफ्तार किया गया था।


उन्हें 27 सितंबर को आगरा से गिरफ्तार किया गया था और वर्तमान में तिहाड़ जेल में बंद हैं। मामले की सुनवाई के लिए प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट अनिमेष कुमार ने कल की तारीख तय की है। अदालत ने सरकारी वकील को भी उपस्थित रहने का निर्देश दिया है।


सरस्वती की न्यायिक हिरासत

सरस्वती को उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद अदालत में पेश किया जाएगा, और यह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया जाएगा। दिल्ली पुलिस ने चार अन्य आरोपियों के खिलाफ बिना गिरफ्तारी के आरोपपत्र दाखिल किया है। सरस्वती को वसंत कुंज उत्तर पुलिस स्टेशन में दर्ज एक मामले में गिरफ्तार किया गया है, जो एक ट्रस्ट द्वारा संचालित संस्थान में पढ़ने वाली छात्राओं की शिकायत पर आधारित है।


19 नवंबर को, जेल अधिकारियों ने चैतन्यानंद सरस्वती के उन आरोपों का खंडन किया कि उनकी जान को खतरा है, यह बताते हुए कि वह पूरी तरह से सुरक्षित हैं।


अदालत की अनुमति और आरोप

अदालत ने पहले उनकी अर्जी को स्वीकार किया था, जिसमें उन्होंने किताबें, चश्मा और प्रतिबंधित आहार रखने की अनुमति मांगी थी। जेल अधिकारियों ने उन्हें संन्यासी वेश धारण करने की अनुमति दी थी। सरस्वती, दिल्ली स्थित श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट-रिसर्च के पूर्व निदेशक हैं, जिन्हें यौन उत्पीड़न और धोखाधड़ी के गंभीर आरोपों में गिरफ्तार किया गया था।


कम से कम 17 छात्राओं, जिनमें से अधिकांश आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की छात्राएँ थीं, ने उन पर "अपमानजनक भाषा का प्रयोग करने, अश्लील संदेश भेजने, अवांछित शारीरिक संपर्क बनाने और अपनी मांग पूरी करने के लिए दबाव डालने" का आरोप लगाया था।