दिल्ली पुलिस ने चावल व्यापारी से 20 लाख रुपये की ठगी करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया

दिल्ली पुलिस ने ओडिशा के भुवनेश्वर से दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने एक चावल व्यापारी से 20 लाख रुपये की ठगी की। आरोपियों ने एक कृषि उत्पाद कंपनी के प्रतिनिधि बनकर व्यापारी से संपर्क किया और उसे जाली दस्तावेजों के माध्यम से धोखा दिया। पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने अपने फोन बंद कर दिए और संपर्क से बाहर हो गए। जांच में पता चला कि वे किसी भी कंपनी से जुड़े नहीं थे। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और पुलिस की कार्रवाई के बारे में।
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दिल्ली पुलिस ने चावल व्यापारी से 20 लाख रुपये की ठगी करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया

चावल व्यापारी से ठगी का मामला

दिल्ली पुलिस ने ओडिशा के भुवनेश्वर से दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है, जो एक कृषि उत्पाद बेचने वाली कंपनी के प्रतिनिधि बनकर एक चावल व्यापारी से 20 लाख रुपये की ठगी करने के आरोप में हैं। अधिकारियों ने शनिवार को इस घटना की जानकारी दी।


पुलिस ने बताया कि दोनों आरोपियों की पहचान लखनऊ के बासुदेव स्वैन (35) और वाराणसी के दीपक कुमार (40) के रूप में हुई है। उन्हें बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किया गया।


शिकायतकर्ता, जो उत्तर-पश्चिमी दिल्ली में चावल और खाद्य आपूर्ति का व्यवसाय करता है, ने आरोप लगाया कि स्वैन और कुमार ने सह-आरोपी अमित कुमार सिंह के साथ मिलकर 'स्मार्टवैल्यू लिमिटेड' के अधिकारी बनकर उससे संपर्क किया। आरोपियों ने कहा कि कंपनी चावल खरीदने में रुचि रखती है।


पुलिस उपायुक्त (उत्तर-पश्चिमी) भीष्म सिंह ने कहा, "शिकायतकर्ता ने उनकी विश्वसनीयता पर भरोसा करते हुए लगभग 20 लाख रुपये मूल्य के चावल की आपूर्ति की। लेकिन बाद में आरोपियों ने अपने फोन बंद कर दिए और संपर्क से बाहर हो गए।"


जांच के दौरान यह पता चला कि आरोपियों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज जाली थे और वे किसी भी कंपनी से जुड़े नहीं थे। सिंह ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक षड्यंत्र का मामला दर्ज किया गया है।


शिकायतकर्ता ने आरोपियों द्वारा दिए गए बिल और जाली दस्तावेज पेश किए। सिंह ने कहा कि 'स्मार्टवैल्यू लिमिटेड' के अधिकृत प्रतिनिधि ने पुष्टि की है कि आरोपी कंपनी से जुड़े नहीं हैं।


उन्होंने कहा, "व्यापक तकनीकी निगरानी और स्थानीय खुफिया जानकारी के आधार पर टीम ने ओडिशा के भुवनेश्वर में छापेमारी की और दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया।" पूछताछ के दौरान दोनों ने अपनी संलिप्तता स्वीकार की और कहा कि वे आसानी से पैसे कमाने के लिए इस तरह के अपराध करते थे।


पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने पीड़ितों का विश्वास जीतने के लिए प्रतिष्ठित कंपनियों के जाली कागजात और मुहर बनाई थीं। अधिकारी ने कहा कि आरोपियों के सहयोगियों का पता लगाने और अन्य पीड़ितों की पहचान करने के लिए जांच जारी है।