दिल्ली नगर निगम ने नए बजट अनुमानों पर चर्चा शुरू की

दिल्ली नगर निगम ने वित्तीय वर्ष 2025-26 और 2026-27 के संशोधित बजट अनुमानों पर चर्चा शुरू की है। स्थायी समिति की बैठक में विभिन्न क्षेत्रीय समितियों के अध्यक्षों ने अपने बजट प्रस्ताव प्रस्तुत किए। अध्यक्ष सत्य शर्मा ने बजट को जनहित में तैयार करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने आय और व्यय के बीच असंतुलन को दूर करने के लिए राजस्व बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की। क्षेत्रीय समितियों ने अतिरिक्त राजस्व स्रोतों की खोज और व्यय में पारदर्शिता पर ध्यान केंद्रित किया।
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दिल्ली नगर निगम ने नए बजट अनुमानों पर चर्चा शुरू की

दिल्ली नगर निगम का बजट अनुमानों पर ध्यान

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने वित्तीय वर्ष 2025-26 और 2026-27 के संशोधित बजट अनुमानों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया आरंभ कर दी है। इस संदर्भ में स्थायी समिति की एक विशेष बैठक आयोजित की गई, जिसमें विभिन्न क्षेत्रीय समितियों के अध्यक्षों ने अपने-अपने क्षेत्रों के बजट प्रस्ताव प्रस्तुत किए। एमसीडी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में जानकारी दी कि सिटी-सदर, पहाड़गंज, पश्चिम, मध्य, केशवपुरम, सिविल लाइंस, रोहिणी, करोल बाग, दक्षिण, नजफगढ़, शाहदरा उत्तर, शाहदरा दक्षिण और नरेला क्षेत्रों ने अपने बजट प्रस्ताव पेश किए।


स्थायी समिति की अध्यक्ष सत्य शर्मा ने बताया कि जनहित में और व्यावहारिक बजट तैयार करने के लिए सभी क्षेत्रों से प्राप्त सुझावों को ध्यान में रखा जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि बजट केवल आय और व्यय का दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह शहर के विकास को दिशा देने और नागरिकों की आवश्यकताओं को पूरा करने का एक मार्गदर्शक है। उन्होंने आगे कहा कि आय और व्यय के बीच असंतुलन को दूर करने के लिए, विभिन्न माध्यमों से राजस्व बढ़ाना आवश्यक है, ताकि निगम पर कोई अतिरिक्त वित्तीय बोझ डाले बिना विकास परियोजनाओं के लिए पर्याप्त बजटीय प्रावधान किए जा सकें।


क्षेत्रीय समितियों के अध्यक्षों ने कई सुझाव दिए और विशेष रूप से दो महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया - अतिरिक्त राजस्व स्रोतों की खोज और व्यय में पारदर्शिता। बैठक के दौरान, क्षेत्रीय समिति के अध्यक्ष ने निगम के राजस्व को बढ़ाने के लिए कई संभावित स्रोतों पर चर्चा की, जिसमें सामुदायिक केंद्रों का अधिकतम उपयोग और नई आवासीय तथा वाणिज्यिक संपत्तियों की पहचान करना शामिल है।