दिल्ली धमाके में जैश-ए-मोहम्मद के लिंक: अफिरा बीबी और डॉ. शाहीन की भूमिका

दिल्ली में हाल ही में हुए आतंकी हमले की जांच में जैश-ए-मोहम्मद के लिंक का पता चला है, जिसमें अफिरा बीबी और डॉ. शाहीन सईद की महत्वपूर्ण भूमिका सामने आई है। अफिरा बीबी, जो उमर फारूक की पत्नी हैं, जैश की महिला ब्रिगेड की प्रमुख सदस्य हैं। वहीं, डॉ. शाहीन सईद को कट्टरपंथी महिलाओं की भर्ती के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। इस लेख में हम इन दोनों की गतिविधियों और दिल्ली हमले में उनकी संलिप्तता के बारे में विस्तार से जानेंगे।
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दिल्ली धमाके में जैश-ए-मोहम्मद के लिंक: अफिरा बीबी और डॉ. शाहीन की भूमिका

जैश की महिला ब्रिगेड में अफिरा बीबी का योगदान

अफिरा बीबी, जो उमर फारूक की पत्नी हैं, जैश-ए-मोहम्मद की नई महिला ब्रिगेड, जमात-उल-मोमिनात की प्रमुख सदस्य हैं। दिल्ली में हुए धमाके से कुछ समय पहले, उन्होंने इस संगठन की सलाहकार परिषद में शामिल होने का निर्णय लिया। सूत्रों के अनुसार, वह मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर के साथ मिलकर काम कर रही थीं और दोनों डॉ. शाहीन सईद के संपर्क में थीं।


डॉ. शाहीन सईद की गिरफ्तारी और आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्तता

दिल्ली में हुए आतंकी हमले और फरीदाबाद में विस्फोटक बरामदगी के दौरान, एजेंसियों ने लखनऊ से गिरफ्तार डॉ. शाहीन सईद के जैश-ए-मोहम्मद के साथ संबंधों का पता लगाया। वह उमर फारूक की पत्नी अफिरा बीबी के संपर्क में थीं। उमर फारूक, जो जैश का प्रमुख था, 2019 में पुलवामा हमले के बाद एक मुठभेड़ में मारे गए थे।


कट्टरपंथी महिलाओं की भर्ती का कार्य

डॉ. शाहीन, जो फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में सीनियर डॉक्टर के रूप में कार्यरत थीं, को उनकी कार से असॉल्ट राइफलें और अन्य गोला-बारूद मिलने के बाद गिरफ्तार किया गया। जांच में यह सामने आया कि उन्हें जमात-उल-मोमिनात की भारतीय शाखा स्थापित करने और कट्टरपंथी महिलाओं की भर्ती के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था।


शाहीन सईद का व्यक्तिगत जीवन

डॉ. शाहीन, जो मूल रूप से लखनऊ की निवासी हैं, ने कई मेडिकल कॉलेजों में काम किया है। उन्होंने 2012 में डॉक्टर हयात जफर से शादी की थी, लेकिन उनका तलाक उसी वर्ष हो गया। उनके दो बच्चे हैं, जो उनके पूर्व पति के साथ रहते हैं। उनके परिवार का कहना है कि उन्हें नहीं लगता कि वह किसी आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हो सकती हैं।


दिल्ली हमले में हुई जनहानि

दिल्ली में हुए आतंकी हमले में 10 लोगों की जान गई। डॉ. शाहीन, मुजम्मिल और उमर अल-फलाह यूनिवर्सिटी में काम कर रहे थे। जहां शाहीन और मुजम्मिल को हिरासत में लिया गया है, वहीं उमर की मौत एक कार विस्फोट में हुई, जिसमें 10 लोग मारे गए और 20 अन्य घायल हुए।