दिल्ली धमाके के संदिग्ध डॉक्टर फारुख को मिली जमानत
डॉक्टर फारुख की रिहाई
लंबी पूछताछ के बाद रिहा किए गए असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर फारुख
दिल्ली में पिछले सप्ताह हुए बम विस्फोट की जांच अभी भी जारी है, जिसमें कई संदिग्धों, जिनमें डॉक्टर भी शामिल हैं, से पूछताछ की जा रही है। आज, दिल्ली पुलिस ने हापुड़ से गिरफ्तार किए गए डॉक्टर फारुख को रिहा कर दिया। उन्हें लाल किले के पास हुए धमाके के बाद जीएस मेडिकल कॉलेज से हिरासत में लिया गया था।
दिल्ली पुलिस ने बताया कि डॉक्टर फारुख को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है। वह हापुड़ के पिलखुवा स्थित जीएस मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत थे। उनके बारे में जानकारी मिली थी कि वह डॉक्टर शाहीन के भाई डॉक्टर परवेज़ के साथ संपर्क में थे।
12 नवंबर से हिरासत में
धमाके के बाद, दिल्ली पुलिस ने 13 नवंबर को जम्मू-कश्मीर के एक असिस्टेंट प्रोफेसर और एक मेडिकल छात्र को क्रमशः हापुड़ और कानपुर से हिरासत में लिया था। सहायक पुलिस अधीक्षक विनीत भटनागर ने बताया कि डॉक्टर फारुख को 12 नवंबर की रात कॉलेज परिसर से हिरासत में लिया गया था।
पुलिस के अनुसार, डॉक्टर फारुख जम्मू-कश्मीर का निवासी है और उसने हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी से मेडिकल की पढ़ाई की थी। प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़े एक आतंकवादी मॉड्यूल के खुलासे के बाद यूनिवर्सिटी जांच एजेंसियों के दायरे में आ गई।
डॉक्टर फारुख के साथ ही उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने कानपुर से 32 वर्षीय मोहम्मद आरिफ मीर को भी हिरासत में लिया। डॉक्टर आरिफ राजकीय गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में कार्डियोलॉजी के पहले वर्ष का छात्र है।
यूनिवर्सिटी के 25 परिसरों पर ईडी की रेड
इस बीच, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धमाके में मुख्य भूमिका निभाने वाले अल फलाह यूनिवर्सिटी के ट्रस्टियों और प्रवर्तकों के खिलाफ दिल्ली-एनसीआर में कई स्थानों पर छापे मारे। अधिकारियों ने बताया कि ईडी की टीमों ने सुबह 5:15 बजे से अल फलाह ट्रस्ट और यूनिवर्सिटी के कम से कम 25 परिसरों की तलाशी ली।
दिल्ली में लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए धमाके में 15 लोगों की जान गई थी। इस मामले में यूनिवर्सिटी और कश्मीर से जुड़े कई डॉक्टरों की भूमिका आतंकवाद निरोधी जांच एजेंसियों के ध्यान में है।
