दिल्ली के स्कूलों में बम की धमकियों से दहशत का माहौल

दिल्ली के स्कूलों में बम की धमकी
दिल्ली के स्कूलों में इस समय भय का माहौल है। लगातार बम से उड़ाने की धमकियों के चलते स्कूल प्रशासन सतर्क हो गया है। शुक्रवार की सुबह, 20 से अधिक स्कूलों को बम की धमकी वाले ईमेल प्राप्त हुए हैं। बम निरोधक दल और अन्य सुरक्षा एजेंसियां स्कूलों में मौजूद हैं और तलाशी अभियान जारी है।
पिछले पांच दिनों में चौथी बार धमकी
दिल्ली अग्निशमन सेवा के एक अधिकारी ने बताया कि रोहिणी के रिचमंड ग्लोबल स्कूल से सुबह 4:55 बजे, अभिनव पब्लिक स्कूल और द सॉवरेन स्कूल से क्रमशः सुबह 8:00 और 8:16 बजे बम की धमकी की सूचना मिली। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि अन्य स्कूलों को भी इसी तरह के ईमेल प्राप्त हुए हैं।
अधिकारियों ने जानकारी दी कि दिल्ली पुलिस और विभिन्न त्वरित प्रतिक्रिया टीमों ने तलाशी और निकासी अभियान शुरू कर दिया है। यह हफ्ते का चौथा दिन है जब राष्ट्रीय राजधानी के स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकियां मिली हैं। पुलिस और अग्निशमन विभाग के कर्मी स्कूलों में पहुंचकर उन्हें खाली कराने की प्रक्रिया में जुटे हैं।
छात्रों और अभिभावकों में दहशत
अब तक, दक्षिण दिल्ली के समरफील्ड इंटरनेशनल स्कूल, पीतमपुरा के मैक्सफोर्ट जूनियर स्कूल, गुरु नानक स्कूल, द्वारका के सेंट थॉमस स्कूल, जीडी गोयनका स्कूल और अन्य स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिली है।
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने इस मामले पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, 'आज 20 से ज्यादा स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिली है! सोचिए बच्चे, अभिभावक और शिक्षक किस स्थिति से गुजर रहे होंगे।' आतिशी ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, 'दिल्ली में शासन के सभी चार इंजनों पर भाजपा का नियंत्रण है फिर भी वह हमारे बच्चों को सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम नहीं है! यह हैरान करने वाला है।' कई सुरक्षा एजेंसियों ने बृहस्पतिवार को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए 10 स्थानों पर मॉक ड्रिल की थी।
बम की धमकी वाले पत्र का विवरण
दिल्ली पुलिस ने बम की धमकी वाले पत्र का खुलासा किया है जिसमें लिखा था: 'नमस्ते। मैं आपको यह बताने के लिए लिख रहा हूँ कि मैंने स्कूल की कक्षाओं में कई विस्फोटक उपकरण रखे हैं। ये विस्फोटक काले प्लास्टिक के थैलों में छिपाए गए हैं। मैं आप सभी को इस दुनिया से मिटा दूँगा। जब मैं समाचार देखूँगा तो खुशी से हँसूँगा।'
पत्र में आगे लिखा गया है कि 'आप सभी इस पीड़ा के हकदार हैं। मुझे अपनी ज़िंदगी से नफरत है, मैं आत्महत्या कर लूँगा।' यह पत्र गंभीर चिंता का विषय है और सुरक्षा एजेंसियों ने इसे गंभीरता से लिया है।