दिल्ली के विष्णु गार्डन में जींस जिहाद का संकट: स्थानीय परिवारों की दास्तान

दिल्ली के विष्णु गार्डन में जींस जिहाद की समस्या ने स्थानीय हिंदू और सिख परिवारों को गंभीर संकट में डाल दिया है। फैक्ट्रियों के प्रदूषण के कारण मुंह के कैंसर और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही हैं। पलायन करने वाले परिवारों की दास्तान और इलाके में बढ़ती मुस्लिम जनसंख्या के कारण महिलाओं की सुरक्षा पर भी खतरा मंडरा रहा है। जानें इस मुद्दे की गहराई में जाकर क्या हो रहा है।
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दिल्ली के विष्णु गार्डन में जींस जिहाद का संकट: स्थानीय परिवारों की दास्तान

जींस जिहाद का प्रभाव

जींस जिहाद: पूर्वी दिल्ली के ब्रह्मपुरी में लैंड जिहाद की तरह, पश्चिमी दिल्ली के विष्णु गार्डन में जींस जिहाद की समस्या उभर रही है। यह क्षेत्र पूरी तरह से आवासीय है।


यहां ख्याला गांव विधानसभा क्षेत्र राजौरी गार्डन के निकट स्थित है। लगभग 7 साल पहले यहां कुछ जींस की फैक्ट्रियां स्थापित हुईं, जिसके बाद यह इलाका रहने के लिए अनुपयुक्त हो गया। लगभग 60 प्रतिशत निवासी पलायन कर चुके हैं। हिंदू और सिख परिवारों को जींस की फैक्ट्रियों के कारण प्रदूषण और बढ़ती मुस्लिम जनसंख्या के चलते पलायन करना पड़ा है।


पलायन के कारण

हिंदू और सिख परिवारों का पलायन: विष्णु गार्डन के NA ब्लॉक में कई घरों के बाहर 'बिकाऊ' के बोर्ड लगे हुए हैं। यहां के कई परिवार पलायन के लिए मजबूर हैं। जींस की फैक्ट्रियों का संचालन मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा किया जा रहा है, जो धीरे-धीरे पूरे क्षेत्र में कब्जा कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां कानून व्यवस्था भी सवालों के घेरे में है।


इसके अलावा, इलाके में कई नॉनवेज ढाबे खुल गए हैं, जहां स्थानीय लोगों का आरोप है कि हड्डियों को हिंदू सिख घरों के सामने फेंका जाता है।


स्वास्थ्य पर प्रभाव

मुंह के कैंसर का बढ़ता खतरा: इस क्षेत्र में सैकड़ों जींस की फैक्ट्रियां हैं, जो ध्वनि और जल प्रदूषण का कारण बन रही हैं। जींस बनाने की प्रक्रिया में निकलने वाले छोटे कण हवा में मिलकर PM 10 और PM 2.5 के स्तर तक पहुंच जाते हैं, जिससे स्थानीय लोगों में मुंह का कैंसर बढ़ रहा है।


सिख परिवार की कहानी: एक सिख परिवार में बड़े भाई को मुंह का कैंसर हो गया है। ऑपरेशन के बावजूद, वह बोलने में कठिनाई महसूस कर रहा है। प्रदूषण के कारण बुजुर्ग महिला को भी सांस लेने में दिक्कत हो रही है। छोटे भाई का कहना है कि कैंसर और अस्थमा के मामलों में वृद्धि के कारण उनके पास पलायन के अलावा कोई विकल्प नहीं है।


महिलाओं की सुरक्षा पर खतरा

महिलाओं की दहशत: इस इलाके की महिलाएं सूरज ढलने के बाद बाहर नहीं निकलने की बात कहती हैं। जींस की फैक्ट्रियों से सामान लाने वाले छोटे टेंपो की संख्या इतनी अधिक होती है कि घर तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है। रात के समय हिंदू सिख घरों के सामने हड्डियां फेंकी जाती हैं, और फैक्ट्री में काम करने वाले मुस्लिम युवक महिलाओं के साथ छेड़खानी करते हैं।


ट्रैफिक और अवैध मदरसे की समस्या

ट्रैफिक जाम और अवैध मदरसे: जींस फैक्ट्रियों से सामान लाने ले जाने के कारण ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रहती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां बिना रजिस्ट्रेशन के अवैध मदरसे भी चल रहे हैं, जो कट्टरता फैलाने का कारण बन रहे हैं। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि वे केवल कोचिंग सेंटर चला रहे हैं।