दिल्ली के प्रबंधन संस्थान में स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पर गंभीर आरोप

दिल्ली स्थित श्री शारदा भारतीय प्रबंधन अनुसंधान संस्थान में स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पर गंभीर आरोप लगे हैं। एक पूर्व छात्रा ने खुलासा किया है कि कैसे बाबा ने छात्राओं को निशाना बनाया और उन्हें लुभाने के लिए अश्लील संदेश भेजे। उन्होंने मुफ्त विदेश यात्राओं और अन्य लालचों का भी जिक्र किया। इस मामले में कई पूर्व छात्राओं और महिला कर्मचारियों की भूमिका भी सामने आई है। जानें इस चौंकाने वाली कहानी के सभी पहलू।
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दिल्ली के प्रबंधन संस्थान में स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पर गंभीर आरोप

स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती का खुलासा

दिल्ली के श्री शारदा भारतीय प्रबंधन अनुसंधान संस्थान (SIIMR) में एक पूर्व छात्रा ने स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने बताया कि कैसे यह बाबा छात्राओं को निशाना बनाता था और उन्हें लुभाने के तरीके अपनाता था।


छेड़छाड़ के आरोप

2016 में छेड़छाड़ का मामला दर्ज कराने वाली एक महिला ने कहा कि चैतन्यानंद की "गिद्ध जैसी नज़रें" उस पर थीं। 62 वर्षीय चैतन्यानंद, जिन्हें स्वामी पार्थसारथी भी कहा जाता है, पर आरोप है कि उन्होंने दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के वसंत कुंज में अपने प्रबंधन संस्थान में 17 छात्राओं का यौन उत्पीड़न किया। महिला ने बताया कि उन्हें अश्लील संदेश भेजे गए और उन्हें "बेबी" और "स्वीट गर्ल" कहा गया। उसने केवल आठ महीनों में पढ़ाई छोड़ दी।


भयावह अनुभव

महिला ने कहा, "यह मेरे जीवन का सबसे कठिन समय था। जैसे ही मैंने संस्थान में दाखिला लिया, बाबा ने मुझे अश्लील संदेश भेजना शुरू कर दिया। वह मुझे अपने कार्यालय में बुलाते और परेशान करते थे।" उन्होंने यह भी कहा कि चैतन्यानंद ने उसे दुबई ले जाने का वादा किया और मुफ्त विदेश यात्राओं, आईफ़ोन, और ड्राइवर वाली कारों का लालच दिया।


छात्राओं का चयन

पूर्व छात्रा ने बताया कि नए छात्रों का चयन प्रक्रिया तुरंत शुरू हो जाती थी। पहले लक्षित छात्रों की पहचान की जाती थी, फिर उन्हें बेहतर सेवाओं का लालच दिया जाता था। जो छात्र इन प्रस्तावों को स्वीकार करते, उनके लिए सब कुछ आसान होता, जबकि जो इनकार करते, उनके लिए स्थिति कठिन हो जाती थी।


महिला कर्मचारी और पूर्व छात्राएँ

एक और चौंकाने वाला तथ्य यह है कि कुछ महिला कर्मचारी पूर्व छात्राएँ थीं, जिन्हें चैतन्यानंद ने निशाना बनाया था। उन्होंने बताया कि ये कर्मचारी नए छात्रों को स्वामी के अनुरोधों का पालन करने के लिए मजबूर करती थीं।


2016 का मामला

एक छात्रा ने 2016 में चैतन्यानंद के खिलाफ उत्पीड़न की शिकायत की थी। पूर्व छात्रा ने बताया कि स्वामी ने उसे भी इसी तरह से संपर्क किया था और उसे समझौता करने के लिए कहा था।


दस्तावेज़ों का दुरुपयोग

पूर्व छात्र ने बताया कि संस्थान हर छात्र से मूल दस्तावेज़ मांगता था और उन्हें अपने पास रखता था। इससे डर का माहौल बना रहता था। उन्होंने कहा कि स्वामी की नज़र हमेशा संस्थान पर रहती थी, जिसमें 170 सीसीटीवी कैमरे लगे थे।


नकली डिग्री और नंबर प्लेट

महिला ने कहा कि स्वामी की एम.फिल की डिग्री नकली है और उनके पास एक प्रिंटिंग प्रेस है जहाँ वे झूठी तस्वीरें बनवाते हैं। उन्होंने कहा कि चैतन्यानंद सभी को बताते थे कि वे संयुक्त राष्ट्र के सदस्य हैं।