दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को एसीबी ने जारी किया दूसरा समन

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को 2,000 करोड़ रुपये के क्लासरूम निर्माण घोटाले के सिलसिले में दूसरा समन जारी किया है। पहले समन में सिसोदिया को पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन वे उपस्थित नहीं हो सके। एसीबी ने आरोप लगाया है कि पिछली आप सरकार के दौरान कक्षाओं का निर्माण अत्यधिक बढ़ी हुई लागत पर किया गया। इस मामले में पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को भी तलब किया गया था।
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दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को एसीबी ने जारी किया दूसरा समन

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की कार्रवाई

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने 2,000 करोड़ रुपये के क्लासरूम निर्माण घोटाले के संबंध में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को दूसरा समन भेजा है। पहले, सिसोदिया को सोमवार को एसीबी कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन वे व्यक्तिगत कारणों से उपस्थित नहीं हो सके। इस मामले में पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को 6 जून को तलब किया गया था, जहां एसीबी ने उनसे पूछताछ की।


घोटाले की जांच और आरोप

एसीबी ने 30 अप्रैल को जैन और सिसोदिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि दिल्ली में पिछली आप सरकार के दौरान 12,748 कक्षाओं और इमारतों का निर्माण अत्यधिक बढ़ी हुई लागत पर किया गया। सिसोदिया उस समय शिक्षा मंत्री थे, जबकि जैन लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के मंत्री थे। एफआईआर में कहा गया कि "काफी विचलन और लागत में वृद्धि" देखी गई, लेकिन "निर्धारित अवधि के भीतर एक भी काम पूरा नहीं हुआ"।


लागत में वृद्धि के आरोप

एसीबी ने यह भी आरोप लगाया कि सलाहकार और वास्तुकार को उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना नियुक्त किया गया था, जिससे लागत में वृद्धि हुई। कक्षाओं का निर्माण 8,800 रुपये प्रति वर्ग फुट की दर पर किया गया, जबकि आवासीय फ्लैटों की औसत लागत लगभग 1,500 रुपये प्रति वर्ग फुट है। टेंडर के अनुसार, प्रत्येक कक्षा के निर्माण की कुल लागत लगभग 24.86 लाख रुपये थी, जबकि राष्ट्रीय राजधानी में समान कक्षाएं लगभग 5 लाख रुपये में बनाई जा सकती थीं। यह मामला 2022 में तब सामने आया जब दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय ने सिसोदिया और जैन के कार्यकाल के दौरान कथित घोटाले की जांच की सिफारिश की।