दिल्ली के नजदीक हिस्ट्रीशीटरों का गांव: अपराध की गहरी जड़ें

दिल्ली के नजदीक स्थित नाहल गांव को 'हिस्ट्रीशीटरों वाला गांव' कहा जाता है, जहां 39 हिस्ट्रीशीटर और 350 से अधिक सक्रिय अपराधी रहते हैं। हाल ही में एक कांस्टेबल की हत्या ने गांव में दहशत फैला दी है। पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए कई अपराधियों को गिरफ्तार किया है। जानें इस गांव की खौफनाक सच्चाई और अपराध की जड़ें।
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दिल्ली के नजदीक हिस्ट्रीशीटरों का गांव: अपराध की गहरी जड़ें

हिस्ट्रीशीटरों का गांव

दिल्ली से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक गांव को 'हिस्ट्रीशीटरों वाला गांव' कहा जाता है। इस गांव की जनसंख्या लगभग 35,000 है, जिसमें 39 हिस्ट्रीशीटर और लगभग 350 सक्रिय अपराधी शामिल हैं।


ये अपराधी हत्या, लूट, डकैती, चोरी और गोकशी जैसे गंभीर अपराधों में लिप्त रहते हैं। इनकी दहशत का आलम यह है कि पुलिस भी इस गांव में जाने से हिचकिचाती है।


नाहल गांव का इतिहास

गाजियाबाद के मसूरी थाना क्षेत्र में स्थित नाहल गांव, नहर के किनारे बसा हुआ है और इसका इतिहास अंग्रेजों के समय से जुड़ा हुआ है। हाल ही में यहां एक खौफनाक घटना हुई, जब पुलिस ने एक हिस्ट्रीशीटर को पकड़ने की कोशिश की और अपराधियों ने फायरिंग कर एक कांस्टेबल की हत्या कर दी।


नोएडा पुलिस की टीम ने लूट के मामले में वांटेड हिस्ट्रीशीटर कादिर को पकड़ने के लिए नाहल गांव का दौरा किया। जैसे ही पुलिस ने उसे पकड़ा, उसके साथियों ने फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें कांस्टेबल सौरभ की जान चली गई।


अति संवेदनशील गांव

पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, नाहल गांव को हमेशा से अति संवेदनशील माना गया है। यहां के निवासियों की आपराधिक प्रवृत्ति के कारण इसे इस श्रेणी में रखा गया है। गांव में लूट, चोरी, डकैती, हत्या और गैंगस्टर जैसे गंभीर अपराधों के आरोपियों की संख्या अधिक है।


इस गांव में 39 हिस्ट्रीशीटर, 20 गैंगस्टर, 70 लुटेरे और 100 से अधिक चोर रहते हैं। सुबह होते ही ये अपराधी अपने कृत्यों में जुट जाते हैं।


अपराध की दुनिया के नाम

शमशाद उर्फ चंदू, जो लगभग 70 वर्ष का है, इस गांव का सबसे पुराना हिस्ट्रीशीटर है। इसके अलावा, रहमान, मुनव्वर, राशिद, खालिद और अन्य कई नाम भी इस सूची में शामिल हैं।


गाजियाबाद के एडिशनल कमिश्नर आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि नाहल गांव में कांस्टेबल की हत्या के बाद पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की है।


गांव में सन्नाटा

सौरभ की हत्या के बाद पुलिस ने गांव में छापेमारी की, जिसमें 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इस घटना के बाद गांव में सन्नाटा छा गया है। लोग अपने घरों में ताले लगाकर चले गए हैं।


गांव की दुकानें बंद हैं और लोग पुलिस के डर से पलायन कर रहे हैं।


जल्दी पैसे की चाह

स्थानीय लोगों का कहना है कि गांव में लोग जल्दी पैसे कमाने की चाह में अपराध की ओर बढ़ रहे हैं। शिक्षा की कमी और आर्थिक तंगी के कारण युवा भी इस रास्ते पर चल रहे हैं।


गांव के अपराधियों में पुलिस का कोई खौफ नहीं है। जब भी पुलिस गांव में आती है, ये बदमाश फायरिंग करने से भी नहीं चूकते।


पुलिस की कार्रवाई

पिछले कुछ महीनों में मसूरी पुलिस ने कई एनकाउंटर किए हैं, जिसमें नाहल गांव के कई बदमाश घायल हुए हैं। पुलिस ने शांति भंग के मामलों में भी कई अपराधियों को गिरफ्तार किया है।