दिल्ली के गृह मंत्री ने केजरीवाल पर प्रदूषण के मुद्दे को राजनीतिक बनाने का आरोप लगाया

दिल्ली के गृह मंत्री आशीष सूद ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर प्रदूषण के संकट को राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। सूद ने कहा कि केजरीवाल ने वैज्ञानिक उपायों के बजाय केवल ऑड-ईवन योजना को अपनाया है। उन्होंने यह भी बताया कि आम आदमी पार्टी सरकार केंद्र सरकार के प्रयासों में बाधा डाल रही है। सूद ने दिल्ली के प्रदूषण के कारणों और सुधार के उपायों पर भी चर्चा की। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया।
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दिल्ली के गृह मंत्री ने केजरीवाल पर प्रदूषण के मुद्दे को राजनीतिक बनाने का आरोप लगाया

दिल्ली में प्रदूषण पर आशीष सूद का बयान

दिल्ली के गृह मंत्री आशीष सूद ने शुक्रवार को प्रदूषण के संकट को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर तीखा हमला किया। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सूद ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी (आप) दिल्ली के प्रदूषण को अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने के लिए एक प्रचार उपकरण के रूप में उपयोग कर रही है। केजरीवाल के वैज्ञानिक उपायों के दावों पर प्रतिक्रिया देते हुए सूद ने कहा कि राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने पहले भी उन्हें ऑड-ईवन योजना के लिए फटकार लगाई थी और यह सवाल उठाया था कि केजरीवाल ने प्रदूषण की समस्या के समाधान के लिए वास्तव में कौन से वैज्ञानिक उपाय किए हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे प्रदूषण के मुद्दे को राजनीतिक रंग नहीं देना चाहते।


 


सूद ने कहा कि हाल ही में कुछ बेरोजगार नेता यह दावा कर रहे थे कि अरविंद केजरीवाल ने एक अत्यंत वैज्ञानिक तरीका अपनाया है। उन्होंने क्या किया? ऑड-ईवन... एनजीटी ने उन्हें इस योजना के लिए फटकार लगाई। एनजीटी ने कहा, 'आपके पास 100 सुझाव थे, लेकिन आपने हमेशा ऑड-ईवन को ही चुना।' इसके बाद उन्होंने एक और 'क्रांतिकारी' कदम उठाया: लाल बत्ती पर इंजन को बंद और चालू करना... दिल्ली का प्रदूषण हमेशा से उनके लिए राजनीतिक लाभ का साधन रहा है। हम अपने बच्चों द्वारा सांस ली जाने वाली हवा को राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाना चाहते।


 


आशीष सूद ने आगे आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी सरकार शहर की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था में सुधार के लिए केंद्र सरकार के प्रयासों में बाधा डाल रही है। उन्होंने कहा कि यदि उनकी मंशा सही होती, तो उन्हें दिल्ली की परिवहन और अपशिष्ट प्रबंधन व्यवस्था को सुधारना चाहिए था। यदि वे 'वैज्ञानिक' मानते हैं कि दिल्ली का प्रदूषण धूल के कारण है, तो उन्हें सफाई मशीनें लगानी चाहिए थीं। उन्होंने अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी पर कोई काम नहीं किया। इसके बजाय, उन्होंने आरआरटीएस और डीएमआरसी मेट्रो के विभिन्न चरणों में सुधार के लिए केंद्र सरकार के प्रयासों में बाधा डाली। उनके पास सार्वजनिक परिवहन को सुधारने के लिए पैसे नहीं थे, लेकिन विज्ञापनों के लिए पैसे थे। यह मेरा आरोप नहीं है, बल्कि सुप्रीम कोर्ट का बयान है।


 


दिल्ली में प्रदूषण के मुद्दे पर बात करते हुए मंत्री आशीष सूद ने कहा कि दिल्ली के प्रदूषण का एक बड़ा हिस्सा आसपास के राज्यों से आता है। उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली सरकार ने हरित क्षेत्रों में एक्यूआई मीटर लगाए हैं। सूद ने कहा कि 2017-18 में ग्रीन 20 सूची में 20 स्टेशन जोड़े गए थे।