दिल्ली के कैथेड्रल चर्च में क्रिसमस की विशेष प्रार्थना सभा
दिल्ली कैथेड्रल चर्च का महत्व
कैथेड्रल चर्च, दिल्ली
दिल्ली कैथेड्रल चर्च में क्रिसमस का जश्न: आज पूरी दुनिया के साथ भारत में भी क्रिसमस का पर्व श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इस खास मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के ऐतिहासिक कैथेड्रल चर्च का दौरा किया, जहां उन्होंने प्रार्थना सभा में भाग लिया और देशवासियों को क्रिसमस की शुभकामनाएं दीं। पीएम की इस यात्रा ने धार्मिक सौहार्द का संदेश दिया और इस चर्च को एक बार फिर से चर्चा का विषय बना दिया। आइए जानते हैं दिल्ली के सबसे पुराने चर्चों में से एक कैथेड्रल चर्च के बारे में, जहां पीएम मोदी ने विशेष प्रार्थना सभा में भाग लिया।
दिल्ली का सबसे बड़ा चर्च
कैथेड्रल चर्च ऑफ द रिडेम्प्शन, जो राष्ट्रपति भवन के निकट स्थित है, न केवल दिल्ली के सबसे पुराने चर्चों में से एक है, बल्कि इसे राजधानी का सबसे बड़ा चर्च भी माना जाता है। इसकी विशाल इमारत, ऊंचे गुंबद और खूबसूरत कांच इसे विशेष पहचान देते हैं। क्रिसमस के अवसर पर यहां भव्य सजावट की जाती है, और इसकी विशाल संरचना और शांत वातावरण इसे श्रद्धालुओं और पर्यटकों के बीच बेहद लोकप्रिय बनाते हैं।
कैथेड्रल चर्च का ऐतिहासिक महत्व
दिल्ली का मुख्य कैथेड्रल चर्च, जिसे वायसराय चर्च भी कहा जाता है, का निर्माण 1927 में शुरू हुआ और 1935 में पूरा हुआ। इसे 18 जनवरी 1931 को खोला गया था और यह रोमन कैथोलिक समुदाय का एक प्रमुख धार्मिक केंद्र है। ब्रिटिश काल में बने इस चर्च की वास्तुकला यूरोपीय शैली से प्रभावित है, जिसमें ऊंचे मेहराब, विशाल प्रार्थना हॉल और सुंदर वेदी शामिल हैं। ब्रिटिश काल के दौरान, भारत के वायसराय लॉर्ड इरविन नियमित रूप से इस चर्च में प्रार्थना करने आते थे। चर्च के अंदर आज भी उस समय की कई ऐतिहासिक यादें मौजूद हैं।
May Christmas bring renewed hope, warmth and a shared commitment to kindness.
Here are highlights from the Christmas morning service at The Cathedral Church of the Redemption. pic.twitter.com/BzvKYQ8N0H
— Narendra Modi (@narendramodi) December 25, 2025
विशिष्ट वास्तुकला
डिजाइन: चर्च का डिजाइन प्रसिद्ध ब्रिटिश आर्किटेक्ट हेनरी मेडल ने तैयार किया था।
लुटियंस दिल्ली का हिस्सा: इसे एडवर्ड लुटियंस की दिल्ली के मास्टर प्लान के तहत बनाया गया था।
इतालवी प्रभाव: चर्च की वास्तुकला में इतालवी शैली का स्पष्ट प्रभाव है। इसकी छतें और मेहराब इस तरह से बनाई गई हैं कि गर्मियों में भी यहां का तापमान बाहर की तुलना में काफी कम रहता है।
प्राकृतिक प्रकाश: इसकी खिड़कियों को इस तरह से तराशा गया है कि दिन के समय प्राकृतिक रोशनी चर्च के अंदरूनी हिस्से को रोशन कर देती है।
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