दिल्ली की अदालत ने स्वामी चैतन्यानंद की अग्रिम जमानत याचिका खारिज की
दिल्ली की एक अदालत ने स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। यह निर्णय वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के चलते लिया गया है। स्वामी चैतन्यानंद पर जालसाजी और धोखाधड़ी के गंभीर आरोप हैं, साथ ही उन पर यौन उत्पीड़न का भी मामला दर्ज है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और अदालत के फैसले के पीछे की वजहें।
Sep 26, 2025, 18:01 IST
|

स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती की जमानत याचिका पर अदालत का फैसला
दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया, जो कि कथित वित्तीय अनियमितताओं के मामले में जांच के दायरे में हैं। पटियाला हाउस कोर्ट ने यह आदेश दिया, जिसमें कहा गया कि आरोपों की गंभीरता के कारण हिरासत में पूछताछ आवश्यक है। यह निर्णय उस समय आया है जब अदालत ने एक स्वयंभू धर्मगुरु के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक षड्यंत्र के मामले में उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर विचार किया है।
एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि सरस्वती ने धोखाधड़ी और जालसाजी के माध्यम से संपत्तियों को निजी कंपनियों को किराए पर देकर वित्तीय लाभ प्राप्त किया। दिल्ली पुलिस ने बताया कि उनकी जांच में यह सामने आया है कि सरस्वती ने जगद्गुरु शंकराचार्य महासंस्थानम दक्षिणाम्नाय श्री शारदा पीठम की संपत्तियों का दुरुपयोग किया।
इस मामले में स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती को हाल ही में एक यौन उत्पीड़न के मामले में भी आरोपित किया गया है, जिसमें 17 छात्राओं के साथ छेड़छाड़ का आरोप है। दिल्ली पुलिस ने कहा कि वे वसंत कुंज उत्तर पुलिस स्टेशन में दर्ज शिकायत के आधार पर चैतन्यानंद को पकड़ने के लिए प्रयासरत हैं।