दिल्ली एयरपोर्ट ने वैश्विक ट्रांजिट में स्थापित किए नए मानक

दिल्ली का इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा अब विश्व के सबसे व्यस्त एयर ट्रांजिट केंद्रों में से एक बन गया है। हाल ही में आई रिपोर्ट के अनुसार, एयर इंडिया और इंडिगो जैसी प्रमुख एयरलाइनों के योगदान से ट्रांजिट यातायात में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। थाईलैंड और जापान के साथ बढ़ते हवाई रिश्तों के साथ-साथ यूरोप के लिए नई उड़ानों की योजना भी बनाई जा रही है। DIAL की भविष्य की योजनाओं में एयरपोर्ट की क्षमता को बढ़ाना शामिल है, जिससे यह एशिया का प्रमुख इंटरनेशनल हब बन सके।
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दिल्ली एयरपोर्ट ने वैश्विक ट्रांजिट में स्थापित किए नए मानक

दिल्ली एयरपोर्ट का नया मुकाम

दिल्ली एयरपोर्ट ने वैश्विक ट्रांजिट में स्थापित किए नए मानक

इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा

दिल्ली का इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा अब केवल भारत का नहीं, बल्कि विश्व के सबसे व्यस्त एयर ट्रांजिट केंद्रों में से एक बन चुका है। एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) ने बताया कि सितंबर 2024 से अगस्त 2025 के बीच, पूर्वी एशिया और पश्चिमी देशों के बीच यात्रा करने वाले 6.7 लाख यात्रियों ने दिल्ली का उपयोग किया। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की तुलना में 34 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है, जो भारत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।


एयर इंडिया और इंडिगो का योगदान

एयर इंडिया और इंडिगो की सबसे बड़ी भूमिका

इस सफलता में एयर इंडिया और इंडिगो जैसी भारतीय एयरलाइनों का प्रमुख योगदान रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व-पश्चिम ट्रांजिट यातायात में एयर इंडिया का हिस्सा 67 प्रतिशत है, जबकि इंडिगो का 25 प्रतिशत है। इसका मतलब है कि कुल ट्रांजिट यात्रियों में से 90 प्रतिशत से अधिक इन दोनों एयरलाइनों के माध्यम से दिल्ली होकर गुजरे।


थाईलैंड के साथ बढ़ते हवाई रिश्ते

थाईलैंड के साथ बढ़ते हवाई रिश्ते

दिल्ली ने थाईलैंड के लिए भारत का मुख्य प्रवेश द्वार बनने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। अब दिल्ली से बैंकॉक, फुकेट, कराबी और डॉन मुआंग के लिए 120 साप्ताहिक उड़ानें उपलब्ध हैं, जो थाईलैंड के लिए भारत की कुल उड़ानों का लगभग 26 प्रतिशत हैं। DIAL ने बताया कि कराबी के लिए नई उड़ान 26 अक्टूबर से शुरू की गई, जिससे यात्रियों के लिए पर्यटन और व्यापार दोनों को बढ़ावा मिला है।


दक्षिण पूर्व एशिया में विस्तार की योजना

दक्षिण पूर्व एशिया में विस्तार की तैयारी

थाईलैंड के अलावा, दिल्ली एयरपोर्ट का नेटवर्क पूरे दक्षिण पूर्व एशिया में तेजी से बढ़ रहा है। एयर इंडिया जल्द ही कुआलालंपुर और बाली के लिए अपनी साप्ताहिक उड़ानों की संख्या सात से बढ़ाकर 10 करने जा रही है। वहीं, इंडिगो 20 दिसंबर से हनोई और 10 नवंबर से ग्वांगझू (चीन) के लिए दैनिक उड़ानें शुरू करेगी। यह COVID-19 के बाद भारत और चीन के बीच पहली नियमित यात्री उड़ान होगी।


जापान और यूरोप के साथ मजबूत कनेक्शन

जापान और यूरोप के साथ मजबूत कनेक्शन

दिल्ली एयरपोर्ट जापान से भारत का सबसे बड़ा संपर्क बिंदु बन गया है। यहां से टोक्यो के हानेडा और नारिता हवाई अड्डों के लिए 28 साप्ताहिक उड़ानें संचालित होती हैं, जो भारत-जापान की कुल उड़ानों का 70 प्रतिशत हैं। इसके अलावा, जापान एयरलाइंस ने 18 जनवरी 2026 से नई दिल्ली-टोक्यो नारिता के बीच एक नई दैनिक सेवा शुरू करने की योजना बनाई है।

यूरोप और ब्रिटेन के साथ भी दिल्ली का संबंध मजबूत हो रहा है। DIAL के अनुसार, भारत-यूके के बीच होने वाली सभी उड़ानों में से 38 प्रतिशत दिल्ली से संचालित होती हैं। एयर इंडिया जल्द ही लंदन हीथ्रो के लिए अपनी चौथी दैनिक उड़ान शुरू करेगी, जबकि इंडिगो 15 नवंबर से दिल्ली-मैनचेस्टर के बीच अपनी पहली लंबी दूरी की उड़ान शुरू करेगी, जिसमें बोइंग 787-9 ड्रीमलाइनर विमान का उपयोग किया जाएगा।


भविष्य की योजनाएं

भविष्य की योजना: और बड़ी होगी क्षमता

बिजनेस स्टैंडर्ड्स की रिपोर्ट के अनुसार, DIAL के सीईओ विदेह कुमार जयपुरियार ने कहा कि दिल्ली एयरपोर्ट अब भारत को दुनिया से जोड़ने का असली ‘पूर्व-पश्चिम का प्रवेश द्वार’ बन चुका है। उन्होंने कहा कि चाहे लंदन की बिजनेस यात्रा हो या बैंकॉक की छुट्टियां, दिल्ली हर दिशा का केंद्र बन गई है।

जयपुरियार ने यह भी बताया कि DIAL की योजना 2029-30 तक एयरपोर्ट की वार्षिक यात्री क्षमता को 10.5 करोड़ से बढ़ाकर 12.5 करोड़ करने की है, वो भी मौजूदा टर्मिनल 2 (T2) को बदले बिना। यह कदम दिल्ली एयरपोर्ट को न केवल भारत का, बल्कि एशिया का प्रमुख इंटरनेशनल हब बना देगा।