दिल्ली-एनसीआर में हरित पटाखों की बिक्री पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय
दिल्ली-एनसीआर में हरित पटाखों की बिक्री को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने मंजूरी दी है, जिससे भाजपा सरकार ने खुशी जताई है। हालांकि, नागरिकों के एक वर्ग ने इसके वायु गुणवत्ता पर प्रभाव को लेकर चिंता व्यक्त की है। तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अब नागरिकों को वायु गुणवत्ता की शिकायत नहीं करनी चाहिए। जानें इस निर्णय के पीछे की कहानी और इसके संभावित प्रभाव।
Oct 15, 2025, 18:48 IST
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हरित पटाखों की बिक्री पर सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी
दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में हरित पटाखों के उपयोग और बिक्री को लेकर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बुधवार को दी गई अनुमति पर विभिन्न प्रतिक्रियाएँ आई हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार ने इस निर्णय का स्वागत किया, जबकि कुछ नागरिकों ने इसके संभावित प्रभावों को लेकर चिंता व्यक्त की। सुप्रीम कोर्ट ने 18 से 20 अक्टूबर के बीच हरित पटाखों की बिक्री और फोड़ने की अनुमति दी है, और इस दौरान समय सीमा सुबह 6-7 बजे और रात 8-10 बजे तक निर्धारित की गई है।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने हरित पटाखों की अनुमति को उत्सव और पर्यावरण संरक्षण के बीच एक "संतुलित दृष्टिकोण" के रूप में प्रस्तुत किया। भाजपा के नेताओं ने भी इस पर सहमति जताई, लेकिन कुछ विरोधी विचार भी सामने आए।
महुआ मोइत्रा का बयान
महुआ मोइत्रा की प्रतिक्रिया
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि अब दिल्ली के नागरिकों को वायु गुणवत्ता के बारे में शिकायत नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नागरिकों द्वारा चुनी गई सरकार ने वही किया जो वह चाहती थी - पटाखों की वापसी। मोइत्रा ने यह भी कहा कि इस साल वायु गुणवत्ता पर शिकायत करने में समय बर्बाद न करें, क्योंकि यही सरकार लोगों की इच्छा के अनुसार कार्य कर रही है।