दिल्ली: एक जीवंत सभ्यता का प्रतीक, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का बयान

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली को एक जीवंत सभ्यता के रूप में प्रस्तुत किया, जो महाभारत के इंद्रप्रस्थ से लेकर आधुनिक लोकतंत्र तक का सफर तय कर चुकी है। उन्होंने यूनेस्को की बैठक में भारत की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया। गुप्ता ने बताया कि यह धरोहर केवल संग्रहालयों में नहीं, बल्कि लोगों के दैनिक जीवन में जीवित है। इसके साथ ही, उन्होंने आधुनिकीकरण और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के चलते इस विरासत के संरक्षण की महत्ता को भी रेखांकित किया।
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दिल्ली: एक जीवंत सभ्यता का प्रतीक, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का बयान

दिल्ली की सांस्कृतिक धरोहर पर मुख्यमंत्री का दृष्टिकोण

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने रविवार को यह स्पष्ट किया कि दिल्ली केवल एक शहर नहीं है, बल्कि यह एक “जीवंत सभ्यता” है, जो महाभारत के इंद्रप्रस्थ से लेकर आज के लोकतांत्रिक केंद्र तक निरंतर सांस्कृतिक विकास का प्रतीक है।


गुप्ता ने यह टिप्पणी राष्ट्रीय राजधानी के लाल किला परिसर में आयोजित यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा के लिए अंतर-सरकारी समिति के 20वें सत्र में की। उन्होंने बताया कि भारत की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर वेदों, उपनिषदों, योग, त्योहारों, अनुष्ठानों और प्रदर्शन कलाओं तक फैली हुई है, जो संग्रहालयों में नहीं, बल्कि यहां के लोगों के दैनिक जीवन में जीवित रहती है।


गुप्ता ने यह भी कहा कि तीव्र आधुनिकीकरण, जलवायु परिवर्तन, प्रवासन और डिजिटल परिवर्तन के चलते अमूर्त विरासत का संरक्षण अब पहले से कहीं अधिक आवश्यक हो गया है।


उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि वैश्विक मंचों पर पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों और सांस्कृतिक प्रथाओं को बढ़ावा देने पर भारत का हालिया ध्यान, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को दर्शाता है, जो देश की सांस्कृतिक जड़ों और सभ्यतागत पहचान को मजबूत करने की दिशा में है।