दिल्ली उच्च न्यायालय में बम की धमकी का मामला, पुलिस ने किया खंडन

दिल्ली उच्च न्यायालय में बम की धमकी
दिल्ली उच्च न्यायालय को शुक्रवार को एक बम धमकी वाला ई-मेल मिला, जिसके बाद न्यायाधीशों और अन्य संबंधित व्यक्तियों को अदालत कक्षों से बाहर निकालना पड़ा। हालांकि, पुलिस ने तलाशी के बाद इसे केवल एक अफवाह करार दिया।
ई-मेल में उच्च न्यायालय पर हमले की चेतावनी दी गई थी, जिसके चलते पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने तलाशी अभियान शुरू किया। रजिस्ट्रार जनरल को सुबह लगभग 8:39 बजे यह ई-मेल प्राप्त हुआ, जिसमें दोपहर के समय विस्फोट की धमकी दी गई थी।
जब न्यायाधीश न्यायिक कार्यवाही में व्यस्त थे, तब अदालत के कर्मचारियों ने उन्हें बम की धमकी के बारे में सूचित किया, जिसके बाद वे अदालत कक्ष से बाहर निकल गए। कुछ न्यायाधीशों ने सुबह 11:35 बजे बाहर जाना शुरू किया, जबकि अन्य ने दोपहर 12 बजे तक अपने कार्य जारी रखे।
सुरक्षा उपायों के तहत सभी को इमारत खाली करने के लिए कहा गया। बाद में, पुलिस उपायुक्त देवेश कुमार महला ने मीडिया को बताया कि बम की धमकी झूठी निकली।
उन्होंने कहा, 'हमने ई-मेल की जांच की है और यह झूठा निकला है। इस धमकी का पिछले कुछ हफ्तों में स्कूलों को मिली बम धमकियों से कोई संबंध नहीं है।' सूत्रों के अनुसार, ई-मेल में कहा गया था कि 'दिल्ली उच्च न्यायालय में आज होने वाला विस्फोट पिछले धमकी के संदेह को दूर कर देगा।' ई-मेल में यह भी उल्लेख था कि न्यायाधीशों के कक्षों में तीन बम रखे गए हैं और सभी को अपराह्न दो बजे तक अदालत परिसर खाली करना चाहिए।