दिल्ली अदालत ने वित्त मंत्री की याचिका को किया खारिज

दिल्ली की अदालत ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने आम आदमी पार्टी के नेता सोमनाथ भारती को मानहानि मामले में उनकी पत्नी की ओर से वकील के रूप में पेश होने से रोकने की मांग की थी। अदालत ने स्पष्ट किया कि पति-पत्नी के बीच अभियोजन या बचाव में कोई रोक नहीं है। इस निर्णय ने कानूनी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण पहलुओं को उजागर किया है।
 | 
दिल्ली अदालत ने वित्त मंत्री की याचिका को किया खारिज

अदालत का निर्णय

दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा दायर याचिका को अस्वीकार कर दिया। इस याचिका में सीतारमण ने अनुरोध किया था कि आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सोमनाथ भारती को मानहानि के मामले में उनकी पत्नी की ओर से वकील के रूप में पेश होने से रोका जाए।


सोमनाथ भारती की पत्नी लिपिका मित्रा ने सीतारमण के खिलाफ मानहानि का आरोप लगाते हुए एक आपराधिक शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले की सुनवाई अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पारस दलाल द्वारा की गई।


अदालत ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि पति या पत्नी द्वारा अपने जीवनसाथी के खिलाफ अभियोजन चलाने या उनकी ओर से बचाव करने पर कोई रोक नहीं है। जीवनसाथी अपने पति या पत्नी के खिलाफ अधिकतम सजा या मुआवजे की मांग कर सकता है, इस पर भी कोई प्रतिबंध नहीं है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि कानून के अनुसार पति और पत्नी दो अलग-अलग व्यक्ति होते हैं, और उनके आर्थिक हित भिन्न हो सकते हैं।