दिल्ली अदालत ने ऑटो चालक की संदिग्ध मौत पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया

दिल्ली की एक अदालत ने 23 वर्षीय ऑटो चालक विवेक कुमार की संदिग्ध मौत के मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। पीड़ित के पिता ने पुलिस की निष्क्रियता के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया। विवेक का शव कोंडली स्थित सीवर ट्रीटमेंट प्लांट से मिला था, और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उनकी मौत का कारण डूबने से दम घुटना बताया गया। अदालत ने जाँच अधिकारियों की कार्रवाई की आलोचना की और त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया। जानें इस मामले की पूरी जानकारी।
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दिल्ली अदालत ने ऑटो चालक की संदिग्ध मौत पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया

संदिग्ध मौत का मामला

दिल्ली की एक अदालत ने 23 वर्षीय ऑटो चालक विवेक कुमार की संदिग्ध मौत के मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। यह निर्णय तब आया जब पीड़ित के पिता रामेश्वर दयाल ने पुलिस की निष्क्रियता के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया। लगभग पांच साल पहले हुई इस घटना के बाद से दयाल ने न्यू अशोक नगर पुलिस से कई बार शिकायत की थी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।


मौत की परिस्थितियाँ

विवेक कुमार को आखिरी बार 1 नवंबर, 2020 को उनके ऑटो-रिक्शा मालिक अनिल द्वारा बुलाए जाने के बाद देखा गया था। उनका शव बाद में कोंडली स्थित दिल्ली जल बोर्ड के सीवर ट्रीटमेंट प्लांट से बरामद किया गया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उनकी मौत का कारण डूबने से दम घुटना बताया गया। हालांकि, सीसीटीवी फुटेज में उनके साथ हुई हाथापाई के बावजूद पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया और इसे सामान्य घटना मान लिया।


अदालत का आदेश

अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट मयंक गोयल ने ललिता कुमारी बनाम उत्तर प्रदेश सरकार (2014) के मामले का हवाला देते हुए कहा कि इस मामले में हत्या का संज्ञेय अपराध स्पष्ट है। अदालत ने जाँच अधिकारियों की पूर्वनिर्धारित धारणा की आलोचना की और निर्देश दिया कि संबंधित एसएचओ को तुरंत एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया जाए। इसके साथ ही, पुलिस उपायुक्त (पूर्व) को सभी एसीपी और एसएचओ को मानवता से जुड़े मामलों में त्वरित कार्रवाई के लिए जागरूक करने का भी निर्देश दिया गया।