दिल्ली अदालत ने 26/11 हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को फोन कॉल की अनुमति दी
दिल्ली की अदालत ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को अपने परिवार से एक बार फोन करने की अनुमति दी है। हालांकि, यह कॉल जेल के नियमों के अनुसार और एक वरिष्ठ अधिकारी की निगरानी में होगी। राणा की भूमिका की जांच जारी है, और अदालत ने उसके स्वास्थ्य पर विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और राणा के अमेरिका से प्रत्यर्पण की कहानी।
Jun 9, 2025, 15:35 IST
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दिल्ली अदालत का निर्णय
दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को 26/11 मुंबई आतंकी हमले के संदिग्ध तहव्वुर राणा को अपने परिवार से एक बार फोन करने की अनुमति दी है। हालांकि, अदालत ने यह स्पष्ट किया कि यह कॉल जेल के नियमों के अनुसार और तिहाड़ जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी की निगरानी में की जाएगी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने इस फोन कॉल की अनुमति को मंजूरी दे दी है। अदालत ने राणा के स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दों पर एक विस्तृत स्थिति रिपोर्ट भी मांगी है, जिसे 10 दिनों के भीतर पेश किया जाना चाहिए। इसके अलावा, अदालत ने जेल अधिकारियों से यह स्पष्ट करने के लिए एक विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है कि क्या राणा को भविष्य में नियमित फोन कॉल करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
26/11 हमलों में तहव्वुर राणा की भूमिका
26/11 हमलों में भूमिका
64 वर्षीय तहव्वुर राणा, जो पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी हैं, डेविड कोलमैन हेडली के करीबी सहयोगी रहे हैं, जो 26/11 हमलों का मुख्य साजिशकर्ता था। हेडली, एक अमेरिकी नागरिक, पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का एक प्रमुख सदस्य था, जिसने इस हमले की योजना बनाई थी। राणा पर इस हमले के लिए रसद सहायता और वित्तीय मदद प्रदान करने का आरोप है, जिसमें मुंबई के प्रमुख स्थलों पर हुए समन्वित हमलों में 166 लोगों की जान गई और 300 से अधिक लोग घायल हुए, जिनमें दो लक्जरी होटल, एक रेलवे स्टेशन और एक यहूदी केंद्र शामिल हैं।
अमेरिका से प्रत्यर्पण
राणा का अमेरिका से प्रत्यर्पण एक लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद हुआ। 4 अप्रैल को, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने आतंकी हमले से संबंधित आरोपों का सामना करने के लिए उसे भारत प्रत्यर्पित करने के फैसले के खिलाफ उसकी समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया। एनआईए की जांच जारी है, क्योंकि एजेंसी हमले में शामिल सभी व्यक्तियों को न्याय के कटघरे में लाने का प्रयास कर रही है। 26 नवंबर, 2008 को हुआ यह हमला भारत के इतिहास में सबसे घातक आतंकी हमलों में से एक है, और भारतीय अधिकारी प्रमुख साजिशकर्ताओं के प्रत्यर्पण और अभियोजन की मांग कर रहे हैं।