दिग्विजय सिंह और राहुल गांधी की मुलाकात ने कांग्रेस में हलचल पैदा की

कांग्रेस के स्थापना दिवस समारोह में दिग्विजय सिंह और राहुल गांधी की मुलाकात ने पार्टी में हलचल पैदा कर दी। राहुल ने मजाक में दिग्विजय से कहा कि उन्होंने गलती की थी, जिससे उपस्थित लोग हंस पड़े। इस बातचीत के बाद, दिग्विजय की सोशल मीडिया पोस्ट ने विवाद को जन्म दिया, जिसमें उन्होंने आरएसएस-भाजपा संगठन की प्रशंसा की। पार्टी के भीतर आलोचना के बाद, उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी टिप्पणी केवल संगठनात्मक अनुशासन के संदर्भ में थी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी इस विवाद पर अपने विचार साझा किए।
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दिग्विजय सिंह और राहुल गांधी की मुलाकात ने कांग्रेस में हलचल पैदा की

कांग्रेस स्थापना दिवस पर दिग्विजय और राहुल की बातचीत

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इंदिरा भवन में कांग्रेस के स्थापना दिवस समारोह के दौरान राहुल गांधी से आमने-सामने मुलाकात की। उनकी संक्षिप्त बातचीत पार्टी के भीतर चर्चा का विषय बन गई। सूत्रों के अनुसार, जब दोनों नेताओं ने एक-दूसरे का अभिवादन किया, तब राहुल ने मजाक में कहा, "कल आपने गलती की थी!" इस पर उपस्थित लोग, जिनमें सोनिया गांधी भी शामिल थीं, हंस पड़े। यह मजेदार टिप्पणी उस समय की गई जब औपचारिक समारोह के बाद पार्टी के नेता चाय और नाश्ते के लिए एकत्र हुए थे।


सोशल मीडिया पर दिग्विजय सिंह की पोस्ट और विवाद

दिग्विजय सिंह के सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के बाद यह मजेदार क्षण सामने आया, जिसने कांग्रेस में बेचैनी पैदा कर दी। शनिवार को, कांग्रेस कार्य समिति की बैठक से पहले, सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी की एक पुरानी तस्वीर साझा की, जिसमें आरएसएस-भाजपा संगठन की ताकत की प्रशंसा की गई थी। उन्होंने लिखा, “यह तस्वीर बहुत प्रभावशाली है। कैसे एक जमीनी स्तर का आरएसएस स्वयंसेवक और जनसंघ व भाजपा कार्यकर्ता, नेताओं के चरणों में बैठकर, एक राज्य का मुख्यमंत्री और देश का प्रधानमंत्री बन गया। यही है संगठन की शक्ति। जय सिया राम।”


पार्टी में आलोचना और दिग्विजय का स्पष्टीकरण

इस पोस्ट पर पार्टी के भीतर से आलोचना हुई। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि गांधी के संगठन को गोडसे के संगठन से सीखने की आवश्यकता नहीं है। इस आलोचना के बाद, दिग्विजय सिंह ने स्पष्ट किया कि वे आरएसएस और प्रधानमंत्री मोदी की विचारधारा का विरोध करते हैं और उनकी टिप्पणी केवल संगठनात्मक अनुशासन को स्वीकार करने तक सीमित थी। कांग्रेस स्थापना दिवस पर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अप्रत्यक्ष रूप से इस विवाद पर प्रतिक्रिया दी।


खरगे का संदेश

उन्होंने कहा कि स्थापना दिवस पर मैं एक बात स्पष्ट करना चाहता हूँ: जो लोग कहते हैं, ‘कांग्रेस का अंत हो गया है,’ मैं उनसे कहना चाहता हूँ… हमारे पास भले ही शक्ति कम हो, लेकिन हमारा हौसला अभी भी बुलंद है। हमने न तो संविधान पर, न धर्मनिरपेक्षता पर, न ही गरीबों के अधिकारों पर कोई समझौता किया है। हम सत्ता में भले ही न हों, लेकिन हम समझौता नहीं करेंगे।