दालचीनी और शहद के स्वास्थ्य लाभ: जानें कैसे करें उपयोग

दालचीनी और शहद का उपयोग सदियों से औषधीय गुणों के लिए किया जाता रहा है। यह लेख इन दोनों के स्वास्थ्य लाभों पर प्रकाश डालता है, जैसे मधुमेह, कैंसर, और संधिवात के उपचार में इनका महत्व। जानें कैसे इनका सही उपयोग करके आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।
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दालचीनी और शहद के स्वास्थ्य लाभ: जानें कैसे करें उपयोग

दालचीनी और शहद के फायदे


दालचीनी और शहद के लाभ – भारत सदियों से औषधियों का प्रमुख उत्पादक और निर्यातक रहा है। यहाँ की जलवायु में पाई जाने वाली वनस्पतियाँ मानव स्वास्थ्य के लिए औषधियों का स्रोत रही हैं। आज जो मसाले हमारे रसोई में हैं, वे वास्तव में औषधियाँ हैं, जैसे हल्दी, जीरा, धनिया, लॉन्ग, इलायची और दालचीनी। प्राचीन समय से वैद्य इनका उपयोग औषधियों के रूप में करते आए हैं।


भारत से इनका निर्यात बड़े पैमाने पर होता था, और इसके बदले सोना प्राप्त होता था। इन सुगंधित औषधियों के कारण भारत पर कई विदेशी आक्रमण हुए हैं। आज हमें इनकी विशेषताओं को समझने की आवश्यकता है ताकि हम इन्हें सुरक्षित रख सकें। सबसे पहले हम दालचीनी के बारे में चर्चा करेंगे, जो दक्षिण भारत का एक महत्वपूर्ण वृक्ष है। इसकी छाल का उपयोग औषधि और मसाले के रूप में किया जाता है। दालचीनी मन को प्रसन्न करती है और विभिन्न दोषों को दूर करती है।


हालांकि, गर्भवती महिलाओं के लिए यह हानिकारक हो सकती है। उन्हें इसे नहीं लेना चाहिए। श्रेष्ठ दालचीनी वह होती है जो पतली, मुलायम, चमकदार और सुगंधित हो। दालचीनी गर्म होती है, इसलिए इसे गर्मियों में कम मात्रा में उपयोग करना चाहिए। यदि इसका सेवन किसी प्रकार की हानि पहुंचाता है, तो तुरंत बंद कर देना चाहिए।


दालचीनी पाउडर की मात्रा 1 से 5 ग्राम होनी चाहिए। बच्चों को भी इसे कम मात्रा में देना चाहिए। हर व्यक्ति की प्रकृति अलग होती है, इसलिए यदि किसी को दालचीनी से हानि होती है, तो इसका सेवन बंद कर देना चाहिए। आइए, इसके फायदों के बारे में जानते हैं।


मधुमेह के लिए दालचीनी

मधुमेह के रोगियों के लिए


दालचीनी कैल्शियम और फाइबर का अच्छा स्रोत है। यह मधुमेह को संतुलित करने में मदद करती है, इसलिए इसे गरीबों का इंसुलिन भी कहा जाता है। यह न केवल खाने का स्वाद बढ़ाती है, बल्कि रक्त शर्करा को भी नियंत्रित करती है। मधुमेह के रोगी इसके सेवन से ब्लड शुगर को कम कर सकते हैं।


सावधानी: दालचीनी को बताई गई मात्रा में ही लें, अधिक लेने से हानि हो सकती है। इसे रोजाना थोड़ी-थोड़ी मात्रा में लेना चाहिए। सेवन से पहले चिकित्सक से परामर्श अवश्य करें।


सेवन विधि:


1 कप पानी में दालचीनी पाउडर उबालकर, छानकर सुबह पियें। इसे कॉफी में मिलाकर भी पी सकते हैं। रोजाना तीन ग्राम दालचीनी लेने से रक्त शर्करा की मात्रा कम होती है।


दालचीनी और शहद का संयोजन

दालचीनी और शहद


दालचीनी सुगंधित, पाचक और बैक्टीरियारोधी होती है। यह पेट रोग, इंफ्लूएंजा, टाइफाइड, टीबी और कैंसर जैसे रोगों में उपयोगी है। शहद, जो मधुमक्खियों का उत्पाद है, कई प्रकार की शर्कराओं और अमीनो अम्लों का भंडार है। यह शीतल और कृमिनाशक है।


दालचीनी और शहद का मिश्रण कई रोगों के उपचार में सहायक है। यह गठिया, दमा, पथरी, सर्दी-खांसी, पेट रोग और थकान में लाभकारी है। आयुर्वेद में शहद को एक शक्तिवर्धक औषधि के रूप में लंबे समय से उपयोग किया जा रहा है।


कनाडा से प्रकाशित एक शोध में दालचीनी और शहद के मिश्रण से ठीक होने वाले रोगों की सूची दी गई है। पेट के रोगों में भी यह लाभकारी है। खाने से पहले दो चम्मच शहद पर दालचीनी पाउडर छिड़ककर चाटने से एसिडिटी में राहत मिलती है।


दालचीनी और शहद का उपयोग

कैंसर के लिए


जापान और ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने आमाशय और अस्थि कैंसर की स्थिति को दालचीनी और शहद के उपयोग से काबू में किया है। ऐसे रोगियों को एक बड़ा चम्मच शहद और एक चाय का चम्मच दालचीनी पाउडर गरम जल के साथ एक माह तक लेना चाहिए।


संधिवात के लिए, जोड़ो का दर्द


संधिवात रोगी दो बड़े चम्मच शहद और एक छोटा चम्मच दालचीनी का पाउडर एक गिलास गर्म जल के साथ लें। इस प्रयोग से केवल एक हफ्ते में 30 प्रतिशत रोगी संधिवात के दर्द से मुक्त हो सकते हैं।


मूत्राशय के संक्रमण के लिए


दो बड़े चम्मच दालचीनी का पाउडर और एक बड़ा चम्मच शहद मिलाकर गरम पानी के साथ देने से मूत्रपथ का संक्रमण समाप्त हो जाता है।


इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाना


शहद और दालचीनी के उपयोग से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। यह शरीर में सफेद रक्त कोशिकाओं की वृद्धि को बढ़ावा देता है, जो रोगाणुओं और वायरस से सुरक्षा प्रदान करते हैं।


मोटापे के लिए


एक चाय का चम्मच दालचीनी पाउडर एक गिलास जल में उबालें, फिर इसमें दो बड़े चम्मच शहद मिलाकर सुबह नाश्ते से 30 मिनट पहले पियें। यह नियमित सेवन से शरीर की अनावश्यक चर्बी को समाप्त करता है।


हृदय रोग के लिए


शहद और दालचीनी का पेस्ट बनाकर रोटी पर लगाकर खाएं। इससे धमनियों में कोलेस्ट्रॉल जमा नहीं होगा और हार्ट अटैक से बचाव होगा।