दार्जिलिंग में भारी बारिश से भूस्खलन, 23 लोगों की जान गई

दार्जिलिंग में हालिया भारी बारिश ने भूस्खलन का कारण बना, जिसमें 23 लोगों की जान चली गई। मिरिक और दार्जिलिंग पहाड़ियों में कई घर बह गए और सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीड़ितों के लिए मुआवजे की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना पर शोक व्यक्त किया है। जानें इस त्रासदी के बारे में और अधिक जानकारी।
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दार्जिलिंग में भारी बारिश से भूस्खलन, 23 लोगों की जान गई

दार्जिलिंग में बारिश से तबाही

दार्जिलिंग, जिसे पहाड़ों की रानी कहा जाता है, एक बार फिर से भारी बारिश के कारण तबाह हो गया है, जिसमें कई लोगों की जान चली गई है। 3 अक्टूबर की रात से शुरू हुई बारिश की चेतावनी भारतीय मौसम विभाग ने केवल 12 घंटे पहले जारी की थी। इस मूसलाधार बारिश ने बालासन नदी पर बने दुधिया पुल को नष्ट कर दिया, जिससे सिलीगुड़ी और मिरिक के बीच सभी राष्ट्रीय और राज्य राजमार्ग बाधित हो गए। दार्जिलिंग, जो अपनी खूबसूरती और स्वास्थ्यवर्धक जलवायु के लिए जाना जाता है, अतीत में कई प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर चुका है। रिकॉर्ड के अनुसार, 1899, 1934, 1950, 1968, 1975, 1980, 1991, 2011 और 2015 में बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुए थे। 1968 में अक्टूबर में आई विनाशकारी बाढ़ में एक हजार से अधिक लोग मारे गए थे।


भूस्खलन से हुई जनहानि

पश्चिम बंगाल के मिरिक और दार्जिलिंग पहाड़ियों में रविवार को लगातार बारिश के कारण हुए भूस्खलन में कम से कम 23 लोगों की जान चली गई, जिनमें कई बच्चे भी शामिल हैं। अधिकारियों के अनुसार, भूस्खलन के कारण कई घर बह गए, सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं, और दूरदराज के गांवों का संपर्क टूट गया, जिससे सैकड़ों पर्यटक फंस गए।


एनडीआरएफ और राज्य सरकार के दार्जिलिंग और जलपाईगुड़ी जिला प्रशासन द्वारा संकलित रिपोर्ट के अनुसार, सरसली, जसबीरगांव, मिरिक बस्ती, धार गांव (मेची), नागराकाटा और मिरिक झील क्षेत्र से लोगों के मारे जाने की सूचना मिली है।


नागराकाटा में एक अलग बचाव अभियान में भूस्खलन के मलबे से पांच शव बरामद किए गए। एनडीआरएफ के एक अधिकारी ने बताया कि अब तक मिरिक, दार्जिलिंग और जलपाईगुड़ी में कुल 23 लोगों की मौत हो चुकी है। उत्तर बंगाल विकास मंत्री उदयन गुहा ने इस स्थिति को दुखद बताते हुए कहा कि यह स्थिति चिंताजनक है।


बचाव कार्य जारी

दार्जिलिंग क्षेत्र में भूस्खलन के कारण 35 स्थानों पर नुकसान की सूचना मिली है। एनडीआरएफ के अनुसार, मिरिक में सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र है, जहां कम से कम 11 लोगों की मौत हुई है और सात घायलों को सुरक्षित निकाला गया है।


दार्जिलिंग में सात लोगों की मौत हुई है और बचाव अभियान जारी है। नागराकाटा में भी भूस्खलन के मलबे से पांच शव बरामद किए गए हैं। दार्जिलिंग उप-मंडल अधिकारी रिचर्ड लेप्चा ने बताया कि भारी बारिश के कारण दार्जिलिंग उपखंड में भीषण भूस्खलन हुआ है।


दुर्गा पूजा के दौरान दार्जिलिंग की पहाड़ियों में आए सैकड़ों पर्यटक भारी बारिश के कारण फंस गए हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीड़ितों के लिए मुआवजे की घोषणा की है, लेकिन राशि का उल्लेख नहीं किया। उन्होंने कहा कि वह 6 अक्टूबर को उत्तर बंगाल का दौरा करेंगी।


प्रधानमंत्री का शोक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर शोक व्यक्त किया और कहा कि भारी बारिश और भूस्खलन के मद्देनजर दार्जिलिंग और आसपास के क्षेत्रों की स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है।


भारत मौसम विज्ञान विभाग ने दार्जिलिंग और कलिम्पोंग में 6 अक्टूबर तक अत्यधिक भारी वर्षा का रेड अलर्ट जारी किया है। एनडीआरएफ के अनुसार, दार्जिलिंग जिले और उत्तरी सिक्किम में सड़क संपर्क गंभीर रूप से बाधित है।