दहेज के लिए दूल्हे को मिला ऐसा सबक, जिसे वो कभी नहीं भूलेगा

दहेज प्रथा का काला सच
भारत में दहेज लेना और देना दोनों ही कानूनी अपराध हैं, फिर भी यह प्रथा समाज में व्यापक रूप से प्रचलित है। विशेषकर उत्तर प्रदेश और बिहार में, दहेज की मांग एक सामान्य परंपरा बन चुकी है। शादी से पहले, लड़के के परिवार वाले अपनी मांगों की सूची लड़की के परिवार को सौंप देते हैं। कई बार तो यह भी सुनने में आता है कि यदि लड़की के परिवार वाले दूल्हे की दहेज संबंधी सभी मांगें पूरी नहीं करते, तो शादी टूटने के कगार पर पहुँच जाती है। दहेज न देने के कारण कई बार लड़कियों को ससुराल में प्रताड़ित किया जाता है। यह प्रथा हमारे समाज के लिए एक गंभीर समस्या बन चुकी है, लेकिन इसके खिलाफ कोई ठोस कदम उठाते नहीं दिखता।
अमेठी में दूल्हे को मिला सबक
हाल ही में उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में एक दूल्हे को दहेज की मांग के चलते ऐसा सबक सिखाया गया, जिसे वह जीवनभर याद रखेगा। शादी के दौरान दूल्हे ने दहेज में बाइक के बजाय बुलेट की मांग की, जो उसके लिए भारी पड़ गया। दुल्हन के परिवार ने दूल्हे को न केवल पीटा, बल्कि उसे पुलिस के आने तक बंधक भी बना कर रखा। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
दूल्हे की मांग ने बिगाड़ा माहौल
यह घटना अमेठी के केसरिया सलीमपुर गांव की है, जहां नसीम अहमद की बेटी की शादी हो रही थी। बारात रायबरेली जिले से आई थी। दूल्हा मोहम्मद आमिर शादी की रस्मों के दौरान बुलेट की मांग करता है, जिसे दुल्हन के परिवार ने मान लिया। दूल्हे के पिता को दो लाख रुपए का चेक भी दिया गया, लेकिन दूल्हा और उसके पिता ने विदाई तभी करने की बात कही जब बुलेट उपलब्ध कराई जाएगी। इस पर दूल्हा और उसके पिता ने गालियाँ देना शुरू कर दिया और चेक फाड़ दिया।
दुल्हन ने किया इनकार
इस विवाद के चलते दुल्हन के परिवार ने दूल्हे को बंधक बना लिया और उसकी पिटाई की। जब दुल्हन को इस घटना की जानकारी मिली, तो उसने ससुराल जाने से मना कर दिया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दूल्हे और उसके पिता को छुड़ाया और उनके खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज किया। इस प्रकार, दहेज के लोभ में दो जीवन एक-दूसरे से बिछड़ गए।