दहेज के बजाय किताबों का अनोखा तोहफा: एक शादी की कहानी

एक अनोखी शादी में, दूल्हे ने दहेज लेने से मना कर दिया, जिससे लड़की के परिवार ने उन्हें किताबों का अनोखा उपहार दिया। इस शादी में एक हजार किताबें शामिल थीं, जिनकी कुल कीमत एक लाख रुपये थी। जानें इस प्रेरणादायक कहानी के बारे में और कैसे दूल्हे ने दहेज प्रथा का विरोध किया।
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दहेज के बजाय किताबों का अनोखा तोहफा: एक शादी की कहानी

दहेज प्रथा का विरोध करते हुए एक अनोखी शादी

भारत में विवाहों में दहेज की परंपरा एक गंभीर मुद्दा है। कुछ लोग इस परंपरा का फायदा उठाते हुए लड़कियों के परिवारों से महंगे उपहार और पैसे मांगते हैं। लेकिन अब लोग इस प्रथा के खिलाफ आवाज उठाने लगे हैं। हाल ही में एक शादी में दूल्हे ने दहेज लेने से मना कर दिया, जिससे लड़की के परिवार वाले बहुत प्रभावित हुए।


दहेज के बजाय किताबों का अनोखा तोहफा: एक शादी की कहानी


यह घटना पश्चिम बंगाल के मिदनापुर की है। सूर्यकांत, जो एक शिक्षक हैं, ने अपनी शादी प्रियंका बेज से तय की। शादी से पहले ही उन्होंने प्रियंका के परिवार को बता दिया था कि वे दहेज नहीं लेंगे।


सूर्यकांत की इस सोच ने प्रियंका के परिवार को बहुत खुश किया, और उन्होंने दूल्हे को एक विशेष उपहार देने का निर्णय लिया। शादी के दिन जब सूर्यकांत बारात लेकर प्रियंका के घर पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि विवाह स्थल किताबों से भरा हुआ था। प्रियंका के परिवार ने लगभग एक हजार किताबें उपहार के रूप में सूर्यकांत को दीं।


इन किताबों में रवींद्रनाथ ठाकुर, शरत चंद्र चट्टोपाध्याय और बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय जैसे प्रसिद्ध लेखकों की रचनाएं शामिल थीं। इसके अलावा, उन्हें हैरी पॉटर श्रृंखला की किताबें भी मिलीं। दुल्हन के परिवार ने इन किताबों को 150 किलोमीटर दूर से मंगवाया था। शादी में आए मेहमानों से भी अनुरोध किया गया था कि वे दूल्हा-दुल्हन को कीमती उपहार देने के बजाय किताबें ही दें।


किताबों की कीमत और दूल्हे का शौक

किताबों की कुल कीमत एक लाख रुपये


दहेज के बजाय किताबों का अनोखा तोहफा: एक शादी की कहानी


सूर्यकांत को पढ़ने का बहुत शौक है, इसलिए उनके ससुराल वालों ने उन्हें किताबें उपहार में देने का निर्णय लिया। प्रियंका और सूर्यकांत को मिली किताबों की कुल कीमत लगभग एक लाख रुपये बताई जा रही है। शादी के बाद ये सभी किताबें सूर्यकांत के घर भेज दी गईं।