दयानिधि मारन का कलानिधि मारन पर गंभीर आरोप: संपत्ति विवाद में नया मोड़

तमिलनाडु में दयानिधि मारन ने अपने बड़े भाई कलानिधि मारन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कानूनी नोटिस भेजा है। यह विवाद केवल पारिवारिक नहीं, बल्कि इसमें हजारों करोड़ की संपत्ति और एक प्रमुख मीडिया कंपनी के नियंत्रण का भी सवाल है। दयानिधि का कहना है कि कलानिधि ने अवैध रूप से शेयरों का ट्रांसफर किया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि स्थिति को ठीक नहीं किया गया, तो वे जांच एजेंसियों से कार्रवाई की मांग करेंगे। यह मामला न केवल संपत्ति का झगड़ा है, बल्कि राजनीति और मीडिया के बीच के टकराव का भी प्रतीक है।
 | 
दयानिधि मारन का कलानिधि मारन पर गंभीर आरोप: संपत्ति विवाद में नया मोड़

दयानिधि मारन का कानूनी नोटिस

तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया में हलचल मच गई है जब पूर्व केंद्रीय मंत्री दयानिधि मारन ने अपने बड़े भाई और सन टीवी नेटवर्क के प्रमुख कलानिधि मारन के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए कानूनी नोटिस जारी किया। यह विवाद केवल पारिवारिक नहीं है, बल्कि इसमें हजारों करोड़ की संपत्ति और एक प्रमुख मीडिया कंपनी के नियंत्रण का भी सवाल है। दयानिधि ने आरोप लगाया है कि कलानिधि ने तमिलनाडु की राजनीति से जुड़े लाखों शेयरों को अवैध रूप से अपने नाम पर ट्रांसफर कर लिया। उनका कहना है कि यह सब 2003 में उनके पिता मुरासोली मारन की बीमारी और मृत्यु के समय हुआ, जब परिवार भावनात्मक रूप से कमजोर था।


शेयरों का विवाद

द्रमुक सांसद दयानिधि मारन ने अपने बड़े भाई पर आरोप लगाया है कि कलानिधि ने नियमों का उल्लंघन करते हुए चेन्नई स्थित सन टीवी समूह के लाखों शेयरों को अपने नाम पर ट्रांसफर कर लिया, जिनकी कीमत हजारों करोड़ रुपये है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, दयानिधि ने कहा कि कलानिधि को 2023 तक डिविडेंड के रूप में ₹5,926 करोड़ और 2024 में ₹455 करोड़ प्राप्त हुए। उन्होंने कहा, "आपके द्वारा किए गए अपराध अब भी जारी हैं।" सन टीवी नेटवर्क लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2024-25 में ₹4,544 करोड़ का कारोबार और ₹1,654.45 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज किया था।


कानूनी कार्रवाई की चेतावनी

दयानिधि ने चेतावनी दी है कि यदि कलानिधि और उनके सहयोगी, जिनमें उनकी पत्नी कावेरी कलानिधि भी शामिल हैं, एक सप्ताह के भीतर कंपनी को 15 सितंबर 2003 की स्थिति में वापस नहीं लाते, तो वे SFIO, SEBI, ED और अन्य वैधानिक एजेंसियों से कार्रवाई करने का आग्रह करेंगे। उन्होंने दिवंगत सीएम करुणानिधि की पत्नी एमके दयालु अम्मल और मुरासोली मारन के कानूनी उत्तराधिकारियों से भी शेयर वापस लौटाने की मांग की है।


शेयरों का अवैध ट्रांसफर

दयानिधि ने बताया कि मूल कंपनी सुमंगली पब्लिकेशंस प्राइवेट लिमिटेड के प्रमोटर केवल दयालु अम्मल और मल्लिका मारन थे, जिनके पास 12 दिसंबर 1985 को 50-50% शेयर थे। दयानिधि के अनुसार, सितंबर 2003 में जब मुरासोली मारन गंभीर रूप से बीमार थे, उसी समय कलानिधि ने M/s SUN TV प्राइवेट लिमिटेड के 12 लाख शेयर अपने नाम पर करवा लिए, बिना किसी उचित मूल्यांकन और अन्य हिस्सेदारों की सहमति के।


कानूनी उत्तराधिकारियों की अनदेखी

मुरासोली मारन की मृत्यु 23 नवंबर 2003 को हुई, लेकिन कलानिधि ने 26 नवंबर 2003 को ही शेयर अपने नाम ट्रांसफर करवा लिए, जो कानूनी रूप से संभव नहीं था। नोटिस में कहा गया है कि उस समय न तो कोई प्रशासक था, न कोई उत्तराधिकारी नियुक्त था। दयानिधि ने कहा कि 12 लाख शेयर ₹10 प्रति शेयर की दर से खरीदे गए, जबकि उस समय इन शेयरों का बाजार मूल्य ₹3,500 करोड़ था।


पारिवारिक विवाद का राजनीतिक पहलू

दयानिधि ने यह भी कहा कि यह कलानिधि को भेजा गया पहला कानूनी नोटिस नहीं है। पहले भी एक नोटिस भेजा गया था, जिसके जवाब में कलानिधि ने अस्पष्ट उत्तर दिया था। दयानिधि ने आरोप लगाया कि कावेरी कलानिधि को ₹87.5 करोड़ सालाना वेतन दिया गया, जिससे उन्होंने अनुचित लाभ कमाया। यह विवाद केवल संपत्ति का झगड़ा नहीं, बल्कि राजनीति, मीडिया, कॉर्पोरेट और पारिवारिक मूल्यों का टकराव बन गया है।