दमबेल पौधे के अद्भुत लाभ और सावधानियाँ

दमबेल पौधे का परिचय
आयुर्वेद में कई पौधों को औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है, और उनमें से एक दमबेल भी है। इसे टाइलोफोरा इंडिका के नाम से भी जाना जाता है। यह एक झाड़ीदार पौधा है, जो हर मौसम में हरा रहता है और इसके पीले तथा गुलाबी फूल खिलते हैं।
दमबेल के फायदे

दमबेल का उपयोग कई आयुर्वेदिक औषधियों में किया जाता है। इसकी पत्तियों में ऐसे तत्व होते हैं जो अस्थमा के उपचार में सहायक होते हैं। नियमित रूप से दमबेल की पत्तियों का सेवन करने से अस्थमा के रोगियों को राहत मिल सकती है। यह पौधा फेफड़ों में जमा बलगम को बाहर निकालने में मदद करता है।
अस्थमा के मरीजों के लिए दमबेल की चाय पीना फायदेमंद होता है। इसे बनाने के लिए, कुछ पत्तियों को धोकर पीस लें और उबलते पानी में डालें। छानकर पीने से गले में जमा बलगम बाहर निकल जाता है।
यह पौधा श्वसन प्रणाली के संक्रमण को भी दूर करने में मदद करता है। संक्रमण के समय दमबेल की पत्तियों का सेवन या चाय पीना लाभकारी होता है।
दमबेल की ताजा पत्तियों का नियमित सेवन करने से सांस लेने में कठिनाई जैसी समस्याओं से राहत मिलती है।
पाचन तंत्र के लिए लाभकारी

दमबेल की पत्तियाँ पाचन तंत्र को मजबूत करने में सहायक होती हैं। इनके सेवन से पेट की समस्याएँ दूर होती हैं। पाचन संबंधी समस्याओं के लिए इसकी चाय पीना लाभकारी है।
उल्टी और दस्त जैसी समस्याओं में भी दमबेल का उपयोग किया जा सकता है। उल्टी के समय इसकी पत्तियों को चबाने से राहत मिलती है।
साइनस की समस्या होने पर भी दमबेल का सेवन दर्द से राहत दिला सकता है।
दमबेल के सेवन से होने वाले नुकसान
- दमबेल का स्वाद कड़वा होता है, जिससे कुछ लोगों को उल्टी हो सकती है।
- अधिक सेवन से पेट पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
- इसका सेवन एलर्जी का कारण बन सकता है।
- गर्भावस्था के दौरान इसका सेवन नहीं करना चाहिए।