दत्तात्रेय होसबाले ने संघ के 100 वर्ष पूरे होने पर व्यक्त की महत्वपूर्ण बातें

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्ष पूरे होने पर दत्तात्रेय होसबाले ने एक विशेष कार्यक्रम में अपने विचार साझा किए। उन्होंने संघ के इतिहास, समाज सेवा के महत्व और राष्ट्र निर्माण के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। होसबाले ने कहा कि देश केवल मांगने के लिए नहीं है, बल्कि हमें इसे देने का भी कर्तव्य निभाना चाहिए। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने डाक टिकट और सिक्का जारी किया, जो संघ के कार्यकर्ताओं के लिए गर्व का विषय है।
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दत्तात्रेय होसबाले ने संघ के 100 वर्ष पूरे होने पर व्यक्त की महत्वपूर्ण बातें

संघ के 100 वर्ष का जश्न

दत्तात्रेय होसबाले ने संघ के 100 वर्ष पूरे होने पर व्यक्त की महत्वपूर्ण बातें

संघ के सरकार्यवाहक दत्तात्रेय होसबाले

दिल्ली में बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने एक डाक टिकट और 100 रुपये का सिक्का जारी किया। कार्यक्रम में संघ के सरकार्यवाहक दत्तात्रेय होसबाले ने संघ के इतिहास पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा कि यह आयोजन सरकार की सोच का परिणाम है और संघ की ओर से इस पहल के लिए धन्यवाद दिया। विजयादशमी का दिन संघ के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इस दिन संघ अपने 101वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। इस अवसर पर जारी किए गए डाक टिकट और सिक्के से सभी को खुशी मिली है।

समाज के लिए सम्मान

दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि समाज के लिए काम करने वालों को सम्मान मिलना चाहिए, और भारत सरकार ने हमेशा ऐसा किया है। संघ का विस्तार देश के हर कोने में हुआ है, और समाज संघ के कार्यों को जानता है। उन्होंने बताया कि संघ की यात्रा रोचक रही है और इसे राष्ट्रभक्ति और सेवा के लिए जाना जाता है।

संघ का उद्देश्य व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण करना है। उन्होंने कहा कि संगठित होने से ही समाज मजबूत होता है। संघ के कार्यों में उतार-चढ़ाव आए हैं, लेकिन हर परिस्थिति में योजना बनानी पड़ती है।

उन्होंने यह भी कहा कि भारत के लोगों को अपने देश के लिए जीना चाहिए और इसे विश्व के लिए तैयार करना चाहिए। यह हर व्यक्ति का कर्तव्य है।

देश की सेवा का कर्तव्य

दत्तात्रेय होसबाले ने यह स्पष्ट किया कि देश केवल मांगने के लिए नहीं है, बल्कि हमें इसे देने का भी कर्तव्य निभाना चाहिए। संघ किसी का विरोध नहीं करता और समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलता है। उनके अनुसार, राष्ट्र ही संघ के लिए सब कुछ है और हर व्यक्ति को ऐसा ही सोचना चाहिए। जब भी कोई आपदा आती है, स्वयंसेवक सेवा में तत्पर रहते हैं।