द ग्रेट खली: एक साधारण जीवन से रेसलिंग के सितारे तक का सफर

द ग्रेट खली, जिनका असली नाम दिलीप सिंह राणा है, ने अपने कठिन बचपन से रेसलिंग की दुनिया में एक अद्वितीय पहचान बनाई। हिमाचल प्रदेश के एक छोटे से गांव में जन्मे खली ने पत्थर तोड़ने से लेकर WWE के दिग्गज बनने तक का सफर तय किया। जानें उनके संघर्ष, सफलता और कैसे उन्होंने भारतीय रेसलिंग को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।
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द ग्रेट खली का परिचय

क्या आप दिलीप सिंह राणा के बारे में जानते हैं? संभवतः अधिकांश लोग नहीं जानते होंगे, लेकिन जब द ग्रेट खली का नाम लिया जाता है, तो हर कोई परिचित होता है। उनका जन्म 27 अगस्त 1972 को हिमाचल प्रदेश के एक छोटे से गांव में हुआ था। खली का असली नाम दिलीप सिंह राणा है। जब भी WWE का जिक्र होता है, भारत से एक ही चेहरा सामने आता है - द ग्रेट खली।


कम ही लोग जानते हैं कि खली का बचपन बेहद कठिनाइयों में गुजरा। उन्हें पढ़ाई छोड़कर पत्थर तोड़ने का काम करना पड़ा। लेकिन दिलीप सिंह ने अपने मजबूत इरादों से इस कठिनाई को पार किया और रेसलिंग की दुनिया में अपनी पहचान बनाई।


बचपन और संघर्ष

खली का बचपन केवल मुसीबतों से भरा नहीं था, बल्कि उनका शरीर भी अन्य बच्चों से अलग और विशाल था। इसके बावजूद, उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उन्होंने सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी की, लेकिन 1994 में उनकी किस्मत ने मोड़ लिया। उस समय पंजाब में उग्रवाद अपने चरम पर था और पंजाब पुलिस ने युवाओं को भर्ती करने का निर्णय लिया।


दिलीप सिंह की ऊंचाई 7 फुट 1 इंच थी, जिससे उन्हें पंजाब पुलिस में शामिल किया गया। उन्होंने एक साल तक शॉटपुट में भाग लिया और फिर बॉडी बिल्डिंग की ओर बढ़े।


WWE में प्रवेश

एक इंटरव्यू में खली ने बताया कि जब उन्होंने पहली बार WWE की फाइट देखी, तो उन्हें लगा कि यह कोई इंग्लिश फिल्म है। रेसलिंग देखने के बाद, उन्होंने सोचा कि क्यों न वह भी एक रेसलर बनें। उन्होंने WWE के बारे में जानकारी जुटाई और दोस्तों की मदद से ईमेल भेजा।


WWE से हरी झंडी मिलने के बाद, खली ने चार साल तक जापान में ट्रेनिंग ली। 2005 में, वह WWE में नजर आए और देखते ही देखते कई दिग्गज रेसलरों को हराकर 'द ग्रेट खली' बन गए।


खली का नाम और योगदान

खली ने बताया कि उनके नाम का चयन भारत की संस्कृति और इतिहास को ध्यान में रखते हुए किया गया था। उन्होंने कई दिग्गजों को हराया, जिसके बाद उनका नाम 'ग्रेट काली' रखा गया। लेकिन धार्मिक आपत्तियों से बचने के लिए उन्होंने इसे 'द ग्रेट खली' में बदल दिया।


दिलीप सिंह राणा को खली बनाने में आईजी महल सिंह भुल्लर का सबसे बड़ा योगदान रहा। अगर वह उन्हें पुलिस में शामिल नहीं करते, तो शायद खली का अस्तित्व ही नहीं होता।