त्रिशनित अरोड़ा: 23 साल की उम्र में एथिकल हैकिंग में सफलता की कहानी

ब्लू व्हेल गेम का खतरा
वर्तमान में, देश में खतरनाक ऑनलाइन ब्लू व्हेल गेम चर्चा का विषय बना हुआ है। सरकार, तकनीकी विशेषज्ञ, साइबर सुरक्षा टीमें और एथिकल हैकर्स इस बात की जांच कर रहे हैं कि यह गेम लोगों तक कैसे पहुँच रहा है, जो सभी के लिए हानिकारक साबित हो रहा है। आज हम आपको एक ऐसे एथिकल हैकर के बारे में बताएंगे, जिसने 8वीं कक्षा में असफलता का सामना किया था और इसके चलते उसे अपने परिवार से डांट भी सुननी पड़ी थी।
त्रिशनित अरोड़ा की कहानी
त्रिशनित अरोड़ा, जो केवल 23 वर्ष के हैं, लुधियाना के एक मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं। बचपन से ही उनकी रुचि पढ़ाई में कम और कंप्यूटर में अधिक थी। उन्होंने हैकिंग के क्षेत्र में गहरी रुचि दिखाई, जिसके कारण वे पढ़ाई में पीछे रह गए और 8वीं कक्षा में फेल हो गए। इसके बाद उन्होंने औपचारिक शिक्षा छोड़कर 12वीं कक्षा के लिए दूरस्थ शिक्षा का विकल्प चुना।
परिवार का विरोध
त्रिशनित के परिवार ने उनके करियर के चुनाव को लेकर असहमति जताई। उनके पिता, जो एक अकाउंटेंट हैं, को उनके एथिकल हैकिंग के काम से कोई सहमति नहीं थी। लेकिन त्रिशनित ने अपने शौक को करियर में बदलने का निर्णय लिया।
सफलता की सीढ़ी
21 वर्ष की आयु में, त्रिशनित ने टीएसी सिक्युरिटी नामक साइबर सुरक्षा कंपनी की स्थापना की। आज, वे रिलायंस, सीबीआई, पंजाब पुलिस, और अन्य प्रमुख कंपनियों को साइबर सुरक्षा सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। इसके अलावा, उन्होंने कई किताबें भी लिखी हैं, जैसे 'हैकिंग टॉक विद त्रिशनित अरोड़ा'।
वैश्विक पहचान
उनकी कंपनी के दुबई और यूके में वर्चुअल ऑफिस हैं, जहां से लगभग 40% ग्राहक सेवाएं प्राप्त करते हैं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, उनकी कंपनी के पास 50 फॉर्च्यून 500 कंपनियों के ग्राहक हैं, जिससे उन्हें करोड़ों का टर्नओवर होता है।
पुरस्कार और मान्यता
त्रिशनित को उनके कार्य के लिए कई पुरस्कार मिल चुके हैं। 2013 में, पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने उन्हें सम्मानित किया। इसके अलावा, 2014 में पंजाब के मुख्यमंत्री ने गणतंत्र दिवस पर उन्हें राज्य पुरस्कार दिया।
भविष्य की योजनाएं
अब त्रिशनित का लक्ष्य अपनी कंपनी के व्यवसाय को अमेरिका में स्थापित करना है। उन्होंने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा कि वे कंपनी का टर्नओवर बढ़ाकर 2000 करोड़ रुपये तक ले जाना चाहते हैं।