त्रिपुरा में अवैध प्रवासियों की गिरफ्तारी, राजनीतिक संघर्ष की छाया

त्रिपुरा पुलिस की कार्रवाई
अगरतला, 4 जून: उत्तर-पूर्व में अवैध प्रवासियों पर बढ़ती कार्रवाई के बीच, त्रिपुरा पुलिस ने त्रिपुरा मेडिकल कॉलेज के पास 13 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। ये सभी पार्बत्य चटगांव जन समिति (PCJSS) के सदस्य हैं।
गिरफ्तार किए गए लोगों में 11 पुरुष और दो महिलाएं शामिल हैं, जो चिकित्सा उपचार के लिए बांग्लादेश से अवैध रूप से भारत में प्रवेश कर चुके थे।
गिरफ्तार व्यक्तियों की पहचान थुइथुइ मोग (नुसैथुइ), अंगला मोग (अंगचुई मोग), रुमेल चकमा (स्वप्निल), आोज चकमा (शांता), द्रविड चकमा (रोनी), रेमेन चकमा (पाबन), मिक चकमा (प्रज्ञा), निर्भय चकमा (अबिदान), चॉइस चकमा (आकाश), बिटू चकमा (देबकांति), किमोन चकमा (सुमोंता), पूर्ण चकमा और नयांची मोग के रूप में की गई है।
वर्तमान में ये सभी पुलिस हिरासत में हैं और त्रिपुरा पुलिस की मोबाइल टास्क फोर्स की सहायता से बांग्लादेश वापस भेजे जाने की योजना है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, कुछ सदस्यों को हाल ही में बांग्लादेश के चिटगांव पहाड़ी क्षेत्रों में हुई हिंसक झड़प के दौरान चोटें आई थीं।
यह समूह अम्ताली पुलिस थाना क्षेत्र के पास निर्मला होटल के निकट एक किराए के आवास में छिपकर रह रहा था।
स्थानीय निवासियों द्वारा संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देने के बाद उनकी उपस्थिति का पता चला।
जांच में पता चला कि गिरफ्तार किए गए लोग 14 मई को बागैछारी उपजिला, रंगामाटी जिले में एक प्रतिकूल राजनीतिक गुट के साथ सशस्त्र झड़प में शामिल थे।
यह संघर्ष संतु लार्मा के नेतृत्व वाले PCJSS गुट और प्रसीत खिशा के नेतृत्व वाले यूनाइटेड पीपल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (UPDF) के बीच हुआ था।
स्थानीय चुनावों से पहले गुटों के बीच बढ़ते क्षेत्रीय संघर्ष के कारण इस हिंसा को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
त्रिपुरा पुलिस स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रही है, ताकि सीमा पार तनाव के बीच कानून और व्यवस्था बनाए रखी जा सके।