त्रिपुरा में 1.35 लाख महिलाओं को 'लाखपति दीदी' बनाने का लक्ष्य

त्रिपुरा ग्रामीण आजीविका मिशन ने इस वित्तीय वर्ष में 1.35 लाख महिलाओं को 'लाखपति दीदी' बनाने का नया लक्ष्य निर्धारित किया है। यह निर्णय हाल ही में हुई एक बैठक में लिया गया, जिसमें पहले से निर्धारित लक्ष्य को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद इसे बढ़ाया गया। मुख्यमंत्री माणिक साहा ने पहले ही लाखपति दीदियों को वित्तीय सहायता प्रदान की है। जानें इस योजना के पीछे का उद्देश्य और इसके लाभ।
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त्रिपुरा में 1.35 लाख महिलाओं को 'लाखपति दीदी' बनाने का लक्ष्य

महिलाओं के लिए नए लक्ष्य की घोषणा


अगरतला, 17 नवंबर: त्रिपुरा ग्रामीण आजीविका मिशन (TRLM) ने इस वित्तीय वर्ष में 1.35 लाख महिलाओं को 'लाखपति दीदी' बनाने का नया लक्ष्य निर्धारित किया है, यह जानकारी एक अधिकारी ने सोमवार को दी।


यह निर्णय 15 नवंबर को राज्य सचिवालय में ग्रामीण विकास विभाग के सचिव अभिषेक सिंह की अध्यक्षता में आयोजित राज्य स्तरीय steering समिति की बैठक में लिया गया।


त्रिपुरा ग्रामीण आजीविका मिशन (TRLM) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) तारित कांती चक्रमा ने बताया कि 1.08 लाख महिलाओं को 'लाखपति दीदी' बनाने का लक्ष्य पहले ही पूरा किया जा चुका है, इसलिए इसे बढ़ाकर 1.35 लाख किया गया है।


उन्होंने कहा कि आवश्यक कदम उठाए जाएंगे और ग्रामीण विकास मंत्रालय (MoRD) को सूचित किया जाएगा।


मुख्यमंत्री माणिक साहा ने 25 अक्टूबर को 1,00,000 'लाखपति दीदी' को उनके कार्यों को बढ़ावा देने के लिए 100 करोड़ रुपये वितरित किए थे। उन्होंने बताया कि दक्षिण त्रिपुरा जिले में 21,898 'लाखपति दीदी' हैं, जो सबसे अधिक हैं।


एक 'लाखपति दीदी' वह स्वयं सहायता समूह की सदस्य होती है, जिसकी वार्षिक घरेलू आय 1 लाख रुपये से अधिक होती है। यह एक केंद्रीय सरकार की पहल है जिसका उद्देश्य देश के गरीब ग्रामीण परिवारों की आजीविका में सुधार करना है।