तेलंगाना में विधायक कौशिक रेड्डी की गिरफ्तारी और जमानत की कहानी

तेलंगाना में बीआरएस विधायक कौशिक रेड्डी को जबरन वसूली के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उन्हें अदालत से जमानत मिल गई। पुलिस ने उन पर एक खदान मालिक को धमकाने और पैसे मांगने का आरोप लगाया है। बीआरएस ने इस गिरफ्तारी को राजनीतिक प्रतिशोध बताया है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और क्या है विधायक की अगली रणनीति।
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तेलंगाना में विधायक कौशिक रेड्डी की गिरफ्तारी और जमानत की कहानी

कौशिक रेड्डी की गिरफ्तारी

तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के विधायक कौशिक रेड्डी को वारंगल पुलिस ने शनिवार सुबह जबरन वसूली के आरोप में गिरफ्तार किया। हालांकि, उन्हें शाम को अदालत से जमानत मिल गई।


पुलिस के अनुसार, विधायक रेड्डी को राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया और फिर वारंगल ले जाया गया।


विपक्ष का बयान

बीआरएस ने आरोप लगाया कि अदालत ने कौशिक रेड्डी के रिमांड के लिए पुलिस के अनुरोध को खारिज कर दिया।


पुलिस ने बताया कि रेड्डी पर एक खदान मालिक को धमकाने और उससे 25 लाख रुपये की मांग करने का आरोप है, साथ ही 50 लाख रुपये और मांगने का भी।


अदालत का निर्णय

बीआरएस के पूर्व सांसद बी विनोद कुमार ने मीडिया से कहा कि वारंगल की अदालत ने रेड्डी की रिमांड को खारिज कर दिया और उन्हें निजी मुचलके पर जमानत दी।


विनोद कुमार ने यह भी बताया कि विधायक के वकीलों ने अदालत में दलील दी कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप उचित नहीं हैं।


हालांकि, पुलिस अधिकारियों ने कहा कि एक कानूनी धारा को खारिज कर दिया गया और कौशिक रेड्डी को दो निजी मुचलके जमा करने पर जमानत मिली।


बीआरएस का आरोप

बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के. टी. रामा राव ने एक बयान में कहा कि कौशिक रेड्डी के खिलाफ झूठे मामले बनाए जा रहे हैं, क्योंकि उन्होंने मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी की अवैध गतिविधियों और मंत्रियों तथा सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेताओं के भ्रष्टाचार पर सवाल उठाए हैं।


रामा राव ने विधायक की बिना शर्त रिहाई की मांग की।