तेलंगाना में मोहम्मद अज़हरुद्दीन ने मंत्री पद का कार्यभार संभाला
तेलंगाना के मंत्री मोहम्मद अज़हरुद्दीन ने हाल ही में कार्यभार संभाला है और उन्होंने अल्पसंख्यकों के कल्याण पर ध्यान केंद्रित करने का वादा किया है। उन्होंने अधिकारियों से मुलाकात की है और प्राथमिक मुद्दों की पहचान करने का आश्वासन दिया है। इस बीच, भाजपा नेताओं ने उनके मंत्री बनने के निर्णय को राजनीतिक प्रेरणा से भरा हुआ बताया है। जुबली हिल्स उपचुनाव की तैयारी भी चल रही है। इसके अलावा, अज़हरुद्दीन ने प्रसिद्ध कवि आंदे श्री के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
| Nov 10, 2025, 14:23 IST
मोहम्मद अज़हरुद्दीन का कार्यभार ग्रहण
तेलंगाना के मंत्री मोहम्मद अज़हरुद्दीन ने सोमवार को हैदराबाद में लोक उद्यम एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री का कार्यभार ग्रहण किया। उन्होंने कहा कि वे लोगों से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों के समाधान के लिए तुरंत कार्य शुरू करेंगे। अज़हरुद्दीन ने अधिकारियों से मुलाकात की है और प्राथमिकता वाले मामलों की पहचान करने का आश्वासन दिया है जिन पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। उनका मुख्य ध्यान सभी अल्पसंख्यकों के कल्याण और विकास पर होगा।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
मोहम्मद अज़हरुद्दीन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्होंने अधिकारियों के साथ चर्चा की है और कल से कार्य प्रारंभ करेंगे। उन्होंने बताया कि कई मुद्दे हैं जिनका समाधान आवश्यक है। इस बीच, तेलंगाना भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने आरोप लगाया है कि अज़हर का मंत्री बनना राजनीतिक प्रेरणा से भरा हुआ निर्णय है, जिसका उद्देश्य जुबली हिल्स के मतदाताओं को प्रभावित करना है, जहां अज़हरुद्दीन पहले कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ चुके हैं।
उपचुनाव की तैयारी
जुबली हिल्स उपचुनाव के लिए मतदान 11 नवंबर को होगा और मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी। यह उपचुनाव मौजूदा विधायक और बीआरएस नेता मगंती गोपीनाथ के निधन के कारण आवश्यक हो गया था।
आंदे श्री का निधन
अज़हरुद्दीन ने प्रसिद्ध कवि और गीतकार आंदे श्री के निधन पर शोक व्यक्त किया, इसे राज्य के लिए एक बड़ी क्षति बताया। उन्होंने कहा कि आंदे श्री न केवल एक प्रतिभाशाली गीतकार थे, बल्कि तेलंगाना आंदोलन में भी सक्रिय भागीदारी निभाई थी।
आंदे श्री की विरासत
उन्होंने कहा कि यह एक दुखद दिन है। आंदे श्री एक महान गीतकार और गायक थे, जिन्होंने तेलंगाना आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका देशभक्ति गीत "जय जय हे तेलंगाना" इस आंदोलन के दौरान एक राष्ट्रगान बन गया था। 10 नवंबर को 64 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया।
