तेलंगाना में इंजीनियरिंग के पहले वर्ष के छात्र की आत्महत्या का मामला

तेलंगाना के मेडिपल्ली में एक पहले वर्ष के इंजीनियरिंग छात्र ने आत्महत्या कर ली, जिसमें उसने अपने सीनियर्स द्वारा प्रताड़ना और पैसे की मांग का आरोप लगाया। इस घटना ने दिल्ली उच्च न्यायालय की चिंता को बढ़ा दिया है, जिसने उच्च शिक्षा संस्थानों में छात्रों की आत्महत्याओं की बढ़ती संख्या पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। न्यायालय ने एक प्रभावी एंटी-रैगिंग प्रणाली की आवश्यकता पर जोर दिया है। इस मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
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तेलंगाना में इंजीनियरिंग के पहले वर्ष के छात्र की आत्महत्या का मामला

छात्र की आत्महत्या की घटना

मेडिपल्ली पुलिस थाना क्षेत्र में एक पहले वर्ष के इंजीनियरिंग छात्र ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। पुलिस के अनुसार, छात्र ने एक वीडियो रिकॉर्ड किया जिसमें उसने कहा कि उसके सीनियर्स उसे प्रताड़ित कर रहे थे और पैसे की मांग कर रहे थे। इसके बाद उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।


एक पुलिस अधिकारी ने बताया, "हमने मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है। आगे की जानकारी बाद में दी जाएगी।"


दिल्ली उच्च न्यायालय की चिंता

11 सितंबर को, दिल्ली उच्च न्यायालय ने उच्च शिक्षा संस्थानों में छात्रों की आत्महत्याओं की बढ़ती संख्या पर गंभीर चिंता व्यक्त की। न्यायालय ने एक प्रभावी एंटी-रैगिंग प्रणाली की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया।


यह तब हुआ जब न्यायालय ने अमन सत्य कच्छरू ट्रस्ट द्वारा दायर दो याचिकाओं का निपटारा किया, जिसने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के उस निर्णय को चुनौती दी थी जिसमें राष्ट्रीय रैगिंग रोकथाम कार्यक्रम का ठेका सेंटर फॉर यूथ (C4Y) सोसाइटी को दिया गया था। मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति अनिश दयाल की पीठ ने कहा कि छात्रों की आत्महत्याएं तेजी से बढ़ रही हैं और तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है। न्यायाधीशों ने कहा, "एक उचित, कार्यात्मक और प्रभावी एंटी-रैगिंग हेल्पलाइन निश्चित रूप से तत्काल और अत्यधिक आवश्यक है।"