तेजस्वी यादव पर दो वोटर कार्ड रखने का आरोप, चुनाव आयोग ने मांगी सफाई

बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर दो अलग-अलग वोटर कार्ड रखने का आरोप लगा है। चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा है। यह मामला विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता सूचियों के विशेष पुनरीक्षण के संदर्भ में है। तेजस्वी ने दावा किया कि उनका नाम मतदाता सूची में नहीं है, जबकि आयोग ने उनके दावे का खंडन किया है। जानें इस विवाद की पूरी कहानी और इसके राजनीतिक प्रभाव।
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तेजस्वी यादव पर दो वोटर कार्ड रखने का आरोप, चुनाव आयोग ने मांगी सफाई

तेजस्वी यादव के खिलाफ शिकायत

बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के खिलाफ पटना के दीघा पुलिस थाने में शिकायत दर्ज की गई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उनके पास दो अलग-अलग नंबर वाले वोटर कार्ड हैं। एक वकील, राजीव रंजन ने यह शिकायत की है। समाचार स्रोतों के अनुसार, इस मामले में अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। भारतीय चुनाव आयोग (ईसी) ने पहले ही राजद नेता को नोटिस भेजकर कहा है कि उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जो मतदाता पहचान पत्र दिखाया था, वह आधिकारिक रूप से जारी नहीं किया गया था।


मतदाता सूची पर विवाद

यह मामला बिहार में अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के संदर्भ में चल रही बहस के बीच आया है। विपक्षी दलों का आरोप है कि सत्तारूढ़ भाजपा और उसके सहयोगियों के इशारे पर चुनाव आयोग ने मनमाने तरीके से मतदाताओं के नाम हटा दिए हैं। हालांकि, आयोग ने तेजस्वी यादव के दावे का खंडन करते हुए कहा कि उनका नाम पटना के बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय स्थित मतदान केंद्र संख्या 204 पर दर्ज है। आयोग ने मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) संख्या भी प्रदान की: RAB0456228।


तेजस्वी यादव का दावा

तेजस्वी यादव ने शनिवार को कहा कि बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रकाशित ‘मसौदा मतदाता सूची’ में उनका नाम नहीं है। एक प्रेस वार्ता के दौरान, उन्होंने अपने फोन को एक बड़ी स्क्रीन से जोड़ा और ऑनलाइन अपना मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) नंबर खोजने की कोशिश की, लेकिन परिणाम आया कि ‘कोई रिकॉर्ड नहीं मिला’। जब संबंधित अधिकारियों ने उनके दावे का खंडन किया, तो उन्होंने आरोप लगाया कि उनका मतदाता पहचान पत्र नंबर “बदला हुआ” था।


जिलाधिकारी का बयान

पटना सदर के अनुविभागीय मजिस्ट्रेट ने तेजस्वी यादव को संबोधित एक पत्र में कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि दो अगस्त को प्रेस कॉन्फ्रेंस में जिस ईपीआईसी नंबर का जिक्र किया गया था, वह आधिकारिक रूप से जारी नहीं किया गया था। उन्होंने यादव से अनुरोध किया कि विस्तृत जांच के लिए ईपीआईसी कार्ड की मूल प्रति उन्हें सौंप दें। इसके बाद राजद नेता ने आरोप लगाया कि उनका ईपीआईसी नंबर “बदल दिया गया” है, लेकिन जिला मजिस्ट्रेट त्यागराज एस एम ने इस दावे को खारिज कर दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि मतदाता सूची में ईपीआईसी नंबर वही है जो विपक्ष के नेता ने 2020 के विधानसभा चुनावों में अपने हलफनामे में प्रस्तुत किया था। यदि उनके पास किसी अन्य नंबर वाला कोई अन्य ईपीआईसी कार्ड है, तो यह जांच का विषय है।