तेजस्वी यादव ने बिहार में मतदाता सूची पर उठाए सवाल

तेजस्वी यादव ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने चुनाव आयोग के विरोधाभासी निर्देशों और दलितों, ओबीसी, और अल्पसंख्यकों के वोटों को खत्म करने की साजिश का आरोप लगाया। यादव ने कहा कि आयोग की कार्रवाई से लोकतंत्र को खतरा है। भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने वोटर वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को सामान्य बताया और कहा कि इससे केवल वैध मतदाता ही पात्र रहेंगे। इस मुद्दे पर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।
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तेजस्वी यादव ने बिहार में मतदाता सूची पर उठाए सवाल

बिहार में मतदाता सूची की पुनरीक्षण प्रक्रिया पर सवाल

बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने फिर से चिंता व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि 5 जुलाई को उन्होंने भारत के चुनाव आयोग से मुलाकात की थी और अपने सवाल उठाए थे। यह चिंताजनक है कि अभी तक चुनाव आयोग से कोई स्पष्ट उत्तर नहीं मिला है। सभी को पता है कि बिहार का चुनाव आयोग केवल डाकघर की तरह कार्य करता है और उसे जवाब देने का कोई अधिकार नहीं है। कल चुनाव आयोग ने तीन अलग-अलग निर्देश जारी किए, जो यह दर्शाते हैं कि आयोग भ्रमित है। 


 


तेजस्वी यादव ने कहा कि हमारा गठबंधन चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए विरोधाभासी निर्देशों और विज्ञापनों को लेकर गहरी चिंता व्यक्त करता है। उन्होंने आरोप लगाया कि मतदाता सूची में संशोधन दलितों, ओबीसी, ईबीसी और अल्पसंख्यकों के वोटों को समाप्त करने की एक साजिश है, साथ ही फर्जी मतदाताओं को जोड़ने की भी सुविधा है। उन्होंने यह भी कहा कि आयोग के विज्ञापनों में भी भ्रम और विरोधाभास है। 6 जुलाई को चुनाव आयोग के फेसबुक पेज पर दो पोस्ट किए गए। एक में कहा गया कि बिना कागजात के फॉर्म जमा करें, जबकि दूसरी में दस्तावेज समय पर जमा करने की बात कही गई। महागठबंधन की मांग है कि चुनाव आयोग सभी मुद्दों पर स्पष्ट आदेश जारी करे।


 


 


इससे पहले तेजस्वी ने एक्स पर लिखा था कि बिहार में वोटबंदी की एक गहरी साजिश चल रही है। दलित, पिछड़ा, अतिपिछड़ा और अल्पसंख्यक वोटों को काटने और फर्जी वोट जोड़ने का खेल शुरू हो चुका है। उन्होंने कहा कि मोदी-नीतीश संविधान और लोकतंत्र को कुचलने के लिए चुनाव आयोग का सहारा ले रहे हैं। ये लोग अपनी हार देखकर बौखला गए हैं। अगर मतदाता का मत ही समाप्त कर दिया जाएगा, तो लोकतंत्र और संविधान का क्या होगा?


 


भाजपा नेता सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि चुनाव से पहले वोटर वेरिफिकेशन एक सामान्य प्रक्रिया थी। लेकिन अब मनोज झा और महुआ मोइत्रा सुप्रीम कोर्ट जा चुके हैं, इससे क्या फर्क पड़ता है? वोटर वेरिफिकेशन लागू करना फायदेमंद होगा, क्योंकि इससे केवल वैध मतदाता ही पात्र रहेंगे। बिहार के मतदाताओं में कोई भ्रम नहीं है, लेकिन आरजेडी और कांग्रेस खासकर मुस्लिम मतदाताओं में भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। ये लोग उन्हें डराने का प्रयास कर रहे हैं कि उनका वोट रद्द हो जाएगा। डरने की कोई आवश्यकता नहीं है।