तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर उठाए सवाल, चुनाव आयोग की नैतिकता पर उठे सवाल

तेजस्वी यादव ने बिहार चुनाव के बीच नीतीश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें उन्होंने चुनाव आयोग की नैतिकता पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान 10 लाख महिलाओं को पैसे दिए जा रहे हैं, जो कि रिश्वत के समान है। इसके साथ ही, महागठबंधन ने 'तेजस्वी प्रण' शीर्षक से अपना घोषणापत्र जारी किया है, जिसमें हर परिवार को सरकारी नौकरी और महिलाओं के लिए भत्ते का वादा किया गया है। जानें इस घोषणापत्र में और क्या-क्या शामिल है।
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तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर उठाए सवाल, चुनाव आयोग की नैतिकता पर उठे सवाल

तेजस्वी यादव का आरोप

तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर उठाए सवाल, चुनाव आयोग की नैतिकता पर उठे सवाल

तेजस्वी यादव

महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार की सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि चुनाव आयोग की नैतिकता कहां गई है? उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव के दौरान 10 लाख महिलाओं को पैसे दिए जा रहे हैं। उन्होंने एनडीए की 'मुख्यमंत्री उन्नति बेटी योजना' पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि यह राशि 24 तारीख को भी वितरित की गई थी। तेजस्वी ने कहा कि इस तरह की घटनाएं लगातार हो रही हैं, जिससे चुनाव आयोग की नैतिकता पर सवाल उठता है। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले 20 वर्षों में पैसे नहीं दिए गए, तो चुनाव के समय यह राशि वितरित करने की क्या आवश्यकता थी? चुनाव के बाद भी यह राशि दी जा सकती थी।

तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि यह पूरी तरह से रिश्वत के रूप में दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की नैतिकता समाप्त हो चुकी है और पूरा देश देख रहा है कि किस प्रकार चुनाव आयोग के माध्यम से रिश्वत दी जा रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि यह उधार की तरह दिया जा रहा है, और बाद में इसे माताओं और बहनों से वापस लिया जाएगा।


महागठबंधन का घोषणापत्र

घोषणा पत्र में महागठबंधन की घोषणा

बिहार में महागठबंधन ने 2025 के विधानसभा चुनावों के लिए 'तेजस्वी प्रण' शीर्षक से अपना घोषणापत्र जारी किया है। इस घोषणापत्र में कई महत्वपूर्ण लोकलुभावन वादे शामिल हैं, जैसे कि हर परिवार को एक सरकारी नौकरी, महिलाओं के लिए 2,500 रुपये मासिक भत्ता और हर घर के लिए 200 यूनिट मुफ्त बिजली।

हर परिवार के लिए रोजगार

घोषणापत्र में रोजगार का भी वादा किया गया है। महागठबंधन ने सरकार बनने के 20 दिनों के भीतर हर परिवार के लिए एक सरकारी नौकरी सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि नौकरी देने की प्रक्रिया सत्ता में आने के 20 महीनों के भीतर शुरू होगी।

इसके अलावा, घोषणापत्र में सभी संविदा और आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित करने और सभी जीविका (स्वयं सहायता समूह) महिलाओं को 30,000 रुपये मासिक वेतन के साथ स्थायी सरकारी कर्मचारी बनाने का भी वादा किया गया है.