तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को लिखा पत्र, 85% आरक्षण की मांग
राजद नेता तेजस्वी यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। उनका उद्देश्य कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण को बढ़ाकर 85 प्रतिशत करना है। यादव ने राज्य सरकार पर इस मुद्दे को जानबूझकर टालने का आरोप लगाया और कहा कि पिछले कानून को पटना उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था। उन्होंने तमिलनाडु का उदाहरण देते हुए बिहार में भी आरक्षण कानूनों को न्यायिक हस्तक्षेप से बचाने की बात की। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया।
Jun 5, 2025, 16:48 IST
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तेजस्वी यादव की आरक्षण पर मांग
राजद के नेता तेजस्वी यादव ने गुरुवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र भेजकर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की अपील की। उनका उद्देश्य कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण को बढ़ाकर 85 प्रतिशत करने के लिए नए कानून लाना है। यादव ने सोशल मीडिया पर साझा किए गए पत्र में राज्य सरकार पर इस मुद्दे को जानबूझकर टालने का आरोप लगाया। उन्होंने लिखा कि महागठबंधन सरकार में 65% आरक्षण की सीमा को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल कराने में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विफलता स्पष्ट है।
तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि हम जो भी करना है, करेंगे। उन्होंने दलित, आदिवासी, पिछड़ा और अतिपिछड़ा वर्गों के वोट लेकर आरएसएस-भाजपा के नेताओं को बिहार की न्यायप्रिय जनता के साथ समझाने की बात की। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि 2023 में पारित कानून को पटना उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था, क्योंकि यह कोटा में वृद्धि के लिए किसी "वैज्ञानिक अध्ययन" का पालन नहीं करता था।
कोटा में वृद्धि जातियों के एक महत्वाकांक्षी सर्वेक्षण पर आधारित है, जिसमें 1931 की जनगणना की तुलना में दलितों और पिछड़े वर्गों की जनसंख्या में वृद्धि दिखाई गई है। यादव ने तमिलनाडु का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां "69 प्रतिशत कोटा लागू है" और बिहार भी अपने आरक्षण कानूनों को नौवीं अनुसूची में डालकर न्यायिक हस्तक्षेप से बच सकता है। उन्होंने नए कानूनों के मसौदे के लिए "सर्वदलीय समिति" बनाने और इन्हें पारित करने के लिए "विशेष सत्र" बुलाने की मांग की। इसके साथ ही, उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह राज्य में सत्ता में है और केंद्र में शासन करती है, फिर भी आरक्षण का विरोध करती है।