तेजस्वी यादव की सुरक्षा में आई बाधा, ड्रोन ने किया हमला

ड्रोन से बचते तेजस्वी यादव
बिहार के विपक्षी नेता तेजस्वी यादव ने 'वक्फ बचाओ, संविधान बचाओ' सम्मेलन के दौरान एक गंभीर स्थिति से बच निकले। जब वह गांधी मैदान में अपने भाषण दे रहे थे, तभी एक ड्रोन, जो कवरेज के लिए उपयोग किया जा रहा था, अचानक अपनी दिशा खो बैठा और सीधे उनकी ओर बढ़ने लगा।
तेजस्वी ने इस अप्रत्याशित स्थिति में खुद को बचाने के लिए झुक गए, जिससे उन्हें थोड़ी देर के लिए हिचकिचाहट का सामना करना पड़ा। सुरक्षा अधिकारियों ने तत्परता से कार्रवाई की और ड्रोन को जब्त कर लिया। इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ। यह घटना सार्वजनिक सुरक्षा और राजनीतिक रैलियों में ड्रोन के उपयोग को लेकर नई चिंताओं को जन्म देती है।
बिहार चुनावों की तैयारी
बिहार में 2025 के विधानसभा चुनावों की तैयारी के बीच, C-Voter सर्वेक्षण ने लोगों के मन में बदलाव की लहर को दर्शाया है। सर्वेक्षण में वर्तमान सरकार के खिलाफ भारी असंतोष का संकेत मिलता है, और समाज के सभी वर्गों के लोग नीतीश कुमार की सरकार के तहत स्थिति से निराश हैं।
इस असंतोष ने राजनीति में नए विकल्पों के लिए जगह बनाई है, और तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री के पद के लिए प्रमुख उम्मीदवार बनकर उभरे हैं। सर्वेक्षण में तेजस्वी को लोकप्रियता के मामले में पहले स्थान पर रखा गया है, जो युवा और पहली बार वोट देने वालों के बीच बदलाव की इच्छा को दर्शाता है।
दिलचस्प बात यह है कि राजनीतिक पर्यवेक्षक प्रशांत किशोर भी मुख्यधारा की चुनावी राजनीति का हिस्सा न होते हुए भी ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। उनके सार्वजनिक कार्यक्रम और जनसंपर्क अभियानों ने बिहार की राजनीतिक परिदृश्य में संभावित बदलाव का संकेत दिया है।
सर्वेक्षण के आंकड़े एक अस्थिर मतदाता आधार की तस्वीर पेश करते हैं, जो पारंपरिक नेतृत्व से बदलाव की तलाश में है। जबकि नीतीश कुमार का लंबा कार्यकाल उन्हें सम्मान दिलाता है, अब यह स्पष्ट है कि एक निश्चित बहुमत ताजगी और दिशा की चाहत कर रहा है।
तेजस्वी यादव की बढ़ती लोकप्रियता और प्रशांत किशोर के उभरते प्रभाव के साथ, बिहार में राजनीतिक रूप से विस्फोटक मुकाबले की तैयारी हो रही है, जो राज्य की नेतृत्व की दिशा को कई वर्षों तक प्रभावित कर सकती है।