तेजस्वी यादव और रोहिणी आचार्य के बीच पारिवारिक विवाद: क्या है असली वजह?
बिहार चुनाव परिणाम और पारिवारिक कलह
तेजस्वी यादव और रोहिणी आचार्य
बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम ने आरजेडी को एक बड़ा झटका दिया है, क्योंकि पार्टी केवल 25 सीटों पर सिमट गई है। चुनाव में मिली हार के बाद, लालू परिवार की आंतरिक कलह अचानक सार्वजनिक हो गई। यह तब हुआ जब रोहिणी आचार्य ने एक सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से राजनीति छोड़ने और परिवार से नाता तोड़ने की घोषणा की।
रोहिणी ने यह भी कहा कि यह निर्णय उन्होंने संजय यादव और रमीज के कहने पर लिया। उनके इस ट्वीट ने लालू परिवार के बीच विवाद को और बढ़ा दिया। रोहिणी ने मीडिया के सामने दो बार बयान दिए और कई ट्वीट किए, जिसमें उन्होंने परिवार के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए।
लालू की बेटियों का घर छोड़ना
रोहिणी के बाद लालू की तीन बेटियों ने छोड़ा घर
इसके बाद, रविवार की रात को लालू यादव की तीन बेटियां भी घर छोड़कर चली गईं। तेजस्वी यादव के करीबी मित्र संजय यादव को लेकर पहले से ही विवाद चल रहा था। मीसा भारती और तेज प्रताप यादव पहले ही इस मुद्दे पर मोर्चा खोल चुके थे। रोहिणी ने भी इशारों-इशारों में सवाल उठाए थे, हालांकि वह कुछ समय से पटना में राबड़ी आवास पर ही थीं।
9 नवंबर को तेजस्वी यादव के जन्मदिन पर रोहिणी ने उन्हें बधाई दी थी और एक तस्वीर साझा की थी, जिसमें उनके बीच का प्यार स्पष्ट था। लेकिन चुनाव परिणाम के बाद अचानक परिवार में यह कलह क्यों सामने आई, यह सवाल उठता है।
क्या यह ध्यान भटकाने की कोशिश है?
क्या हार से ध्यान भटकाने की कोशिश तो नहीं?
क्या यह सब आरजेडी की हार से ध्यान भटकाने के लिए किया गया है? या फिर लालू परिवार में संजय यादव को लेकर विवाद और बढ़ गया है? इस पर कोई भी स्पष्टता नहीं है, क्योंकि अब तक लालू यादव या तेजस्वी यादव ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। तेजस्वी का ट्विटर भी इस समय सन्नाटे में है।
विधायक दल की बैठक
विधायक दल की बैठक, लालू भी हुए शामिल
इस बीच, तेजस्वी यादव ने अपने सरकारी आवास पर विधायक दल की हार की समीक्षा के लिए बैठक बुलाई। इस बैठक में न केवल नवनिर्वाचित विधायक बल्कि पार्टी के अन्य बड़े नेता भी शामिल हुए। रोहिणी आचार्य के विवाद के बावजूद, तेजस्वी ने लालू, राबड़ी और मिसा भारती के साथ बैठक में भाग लिया।
तेजस्वी का संदेश
क्या संदेश देना चाहते हैं तेजस्वी?
स्पष्ट है कि तेजस्वी यादव अपने विधायकों और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ-साथ जनता और मीडिया को यह संदेश देना चाहते हैं कि परिवार में सब कुछ ठीक है। विधायक दल की बैठक में उन्हें आरजेडी विधायक दल का नेता भी चुना गया और सभी निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया गया।
