तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव आयोग के मतदाता सूची पुनरीक्षण पर उठाए सवाल

तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने चुनाव आयोग द्वारा घोषित मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इसे एनआरसी लाने का एक खतरनाक कदम बताया और कहा कि यह प्रक्रिया अचानक क्यों शुरू की गई है। ओ ब्रायन ने भाजपा के आंतरिक सर्वेक्षणों का हवाला देते हुए कहा कि चुनाव आयोग इस तरह के कदम उठाकर स्थिति को बदलने की कोशिश कर रहा है। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है।
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तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव आयोग के मतदाता सूची पुनरीक्षण पर उठाए सवाल

चुनाव आयोग के कदम पर तृणमूल कांग्रेस की प्रतिक्रिया

तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने शनिवार को चुनाव आयोग द्वारा जारी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर चिंता व्यक्त की। उन्होंने इसे एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) लाने का एक खतरनाक प्रयास बताया। ओ ब्रायन ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि चुनाव आयोग बिहार में इस विशेष पुनरीक्षण का कार्य कर रहा है, और यह प्रक्रिया बंगाल में भी जारी रहेगी। इसके तहत, नए और मौजूदा मतदाताओं को जुलाई 1987 से पहले जन्मे व्यक्तियों के लिए जन्म और जन्मस्थान का प्रमाण प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।


 


टीएमसी सांसद ने बताया कि जुलाई 1987 से दिसंबर 2004 के बीच जन्मे व्यक्तियों को अपने और एक माता-पिता के लिए प्रमाण प्रस्तुत करना होगा। वहीं, दिसंबर 2004 के बाद जन्मे व्यक्तियों के लिए स्वयं और माता-पिता दोनों के प्रमाण की आवश्यकता होगी। यदि ये दस्तावेज एक महीने के भीतर जमा नहीं किए जाते हैं, तो मतदाता सूची से नाम हटा दिया जाएगा। ओ ब्रायन ने कहा कि टीएमसी भारत के चुनाव आयोग का सम्मान करती है, लेकिन यह संस्था भाजपा का शाखा कार्यालय नहीं बननी चाहिए।


 


उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि यह प्रक्रिया अचानक क्यों शुरू की गई है। उनके अनुसार, भाजपा के हालिया आंतरिक सर्वेक्षण से पता चलता है कि पार्टी को बंगाल विधानसभा चुनावों में 46 से 49 सीटें मिल सकती हैं। ऐसे में, चीजों को बदलने की कोशिश में चुनाव आयोग एनआरसी को पिछले दरवाजे से लाने का प्रयास कर रहा है। ओ'ब्रायन ने इसे नाज़ियों के शासन के समय के पूर्वज पास के समान बताया।


 


उन्होंने कहा कि सभी इंडिया ब्लॉक पार्टियाँ इस मुद्दे को संसद में और बाहर उठाएँगी। चुनाव आयोग ने कहा था कि इस मामले का समाधान 30 अप्रैल, 2025 तक हो जाएगा। उनका सवाल था कि अब तक क्या समाधान निकाला गया है। उन्होंने मिलने का समय मांगा, लेकिन उन्हें समय नहीं दिया गया। शुक्रवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर इस विशेष पुनरीक्षण को रोकने की अपील की।