तृणमूल कांग्रेस ने 2026 विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति तैयार की

तृणमूल कांग्रेस ने 2026 के विधानसभा चुनावों के लिए अपनी रणनीति को मजबूत करने की दिशा में कदम उठाए हैं। महासचिव अभिषेक बनर्जी ने पार्टी की बैठक में महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की, जिसमें मतदाता सूची में संशोधन और भाजपा का सामना करना शामिल है। इसके साथ ही, उन्होंने दक्षिणपंथी उग्रवाद के बढ़ते मामलों पर केंद्र सरकार की आलोचना की। जानें कैसे ये घटनाएं बंगाल की राजनीति को प्रभावित कर सकती हैं।
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तृणमूल कांग्रेस ने 2026 विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति तैयार की

बंगाल में चुनावी तैयारी

बंगाल में 2026 में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारी जोरों पर है। तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने संगठन को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक संदेश दिया। कोलकाता में आयोजित एक बड़ी बैठक में, उन्होंने 5,000 से अधिक पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के सामने तृणमूल की रणनीति और 'विजय योजना' का खुलासा किया। अभिषेक बनर्जी 2 जनवरी को बारुईपुर, 3 जनवरी को जलपाईगुड़ी, 4 जनवरी को बीरभूम, 5 जनवरी को बिष्णुपुर, 7 जनवरी को इटाहार, 8 जनवरी को मालदा, 13 जनवरी को कूच बिहार और 15 जनवरी को कांथी का दौरा करेंगे। पार्टी के सूत्रों के अनुसार, विधानसभा चुनाव अगले साल अप्रैल के आसपास होंगे, इसलिए तृणमूल कांग्रेस ने अपनी तैयारियों को पहले से ही शुरू कर दिया है।


पिछले चुनावों का विश्लेषण

2021 में, तृणमूल कांग्रेस ने राज्य की 294 सीटों में से 215 पर जीत हासिल की थी। अभिषेक ने इस बार लक्ष्य को और ऊंचा रखते हुए पिछले परिणाम को पार करने और जीत के अंतर को बढ़ाने का निर्देश दिया। उनके भाषण का मुख्य फोकस तीन मुद्दों पर था - मतदाता सूची में संशोधन, भाजपा का राजनीतिक रूप से सामना करना, और लोगों का विश्वास बनाए रखने के उपाय।


दक्षिणपंथी उग्रवाद पर टिप्पणी

अभिषेक बनर्जी ने हाल ही में क्रिसमस पर ईसाइयों के खिलाफ लक्षित हमलों की घटनाओं के संदर्भ में दक्षिणपंथी उग्रवाद में वृद्धि के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की। उन्होंने गुजरात दंगों के बाद आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दलितों, अनुसूचित जनजातियों और अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमलों का मुद्दा उठाया और केंद्र पर भारत के माहौल को जानबूझकर खराब करने का आरोप लगाया।


हमलों की निंदा

बनर्जी ने कहा कि भारत के माहौल को जानबूझकर दूषित किया जा रहा है। सत्ता में बैठे दक्षिणपंथी तत्व धर्म के नाम पर दलितों, अनुसूचित जनजातियों और अल्पसंख्यकों पर हमले कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब सत्ता में बैठे लोग खुद हिंसा के अपराधी बन जाते हैं, तो यह शासन नहीं, बल्कि नैतिक पतन है।


असम में हमलों की रिपोर्ट

बनर्जी ने यह भी कहा कि ये हमले असंवैधानिक और अवैध हैं, जो देश की धर्मनिरपेक्ष नींव को कमजोर करते हैं। असम में, पुलिस ने क्रिसमस समारोह से पहले सेंट मैरी इंग्लिश स्कूल की संपत्ति में तोड़फोड़ करने के आरोप में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है।