तुलसी गबार्ड ने इस्लामिक विचारधारा को अमेरिका की सुरक्षा के लिए खतरा बताया

तुलसी गबार्ड, अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक, ने हाल ही में इस्लामिक विचारधारा को अमेरिका की स्वतंत्रता और सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बताया। उन्होंने चेतावनी दी कि यह खतरा अब केवल विदेशों तक सीमित नहीं है, बल्कि अमेरिका के भीतर भी फैल चुका है। गबार्ड ने यूरोप और ऑस्ट्रेलिया की स्थिति का उदाहरण देते हुए कहा कि यदि समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो अमेरिका भी इसी दिशा में बढ़ सकता है। उन्होंने कट्टरपंथ के आरोपों के साथ-साथ मौलवियों की भूमिका पर भी प्रकाश डाला।
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तुलसी गबार्ड ने इस्लामिक विचारधारा को अमेरिका की सुरक्षा के लिए खतरा बताया

अमेरिका की सुरक्षा पर खतरा

एरिजोना

अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने इस्लामिक विचारधारा को अमेरिका की स्वतंत्रता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया है। उन्होंने इसे धार्मिक आस्था के बजाय एक राजनीतिक विचारधारा के रूप में वर्णित किया, जिसका उद्देश्य शरीयत कानून के तहत वैश्विक खिलाफत की स्थापना करना है। यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता और पश्चिमी लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है।

गबार्ड ने एरिजोना में टर्निंग पॉइंट यूएसए के अमेरिका फेस्ट में कहा कि यह खतरा अब केवल विदेशों तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि अमेरिका के अंदर भी फैल चुका है। उन्होंने कहा, “यह इस्लामिक विचारधारा हमारी स्वतंत्रता के लिए एक सीधा खतरा है। यह एक राजनीतिक एजेंडा है, जिसका लक्ष्य वैश्विक खिलाफत और शरीयत आधारित शासन स्थापित करना है।”

यूरोप जैसी स्थिति का खतरा
तुलसी गबार्ड ने चेतावनी दी कि यदि अमेरिका ने समय रहते इस विचारधारा को पहचानकर उसके खिलाफ कदम नहीं उठाए, तो देश को यूरोप और ऑस्ट्रेलिया जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा, “अगर हम कार्रवाई नहीं करते और इसे उसके असली रूप में पहचान कर चुनौती नहीं देते हैं तो अमेरिका भी उन देशों की राह पर चला जाएगा, जहां अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लग चुके हैं।”

उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जर्मनी में क्रिसमस मार्केट्स रद्द किए जा रहे हैं, जबकि ब्रिटेन में लोग सड़क किनारे चुपचाप प्रार्थना करने पर भी गिरफ्तार किए जा रहे हैं।

अमेरिका में कट्टरपंथ का आरोप
तुलसी गबार्ड ने यह भी कहा कि अमेरिका के कई शहरों में कट्टर इस्लाम के मौलवी युवाओं को भड़काने और कट्टरपंथ की ओर धकेलने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “डियरबॉर्न (मिशिगन) और मिनियापोलिस (मिनेसोटा) जैसे क्षेत्रों में इस्लाम के मौलवी खुलकर इस विचारधारा को बढ़ावा दे रहे हैं और युवाओं की भर्ती कर रहे हैं।” उन्होंने पैटरसन (न्यू जर्सी) और ह्यूस्टन (टेक्सास) का भी उल्लेख किया।

गबार्ड ने कहा कि इस विचारधारा से जुड़े लोग असहमति की आवाजों को दबाने के लिए केवल सेंसरशिप नहीं, बल्कि हिंसा और धमकी का भी सहारा लेते हैं। उन्होंने कहा, “अगर आप अपने ईश्वर-प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हैं, तो वे आपको चुप कराने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के लिए भी लोगों को धमकियां मिल रही हैं।

उन्होंने सरकार और समाज से कट्टरपंथी विचारधाराओं के खिलाफ सख्त और स्पष्ट कार्रवाई की अपील की।