तिलक वर्मा की एशिया कप फाइनल में शानदार पारी ने बढ़ाई भारत की उम्मीदें

तिलक वर्मा का अद्भुत प्रदर्शन
तिलक वर्मा ने रविवार को पाकिस्तान के खिलाफ एशिया कप फाइनल में अपनी शानदार पारी के साथ रातोंरात स्टार का दर्जा हासिल किया। दुबई में खेले गए इस रोमांचक मैच में उन्होंने 53 गेंदों पर तीन चौके और चार छक्कों की मदद से नाबाद 69 रन बनाकर टीम को जीत दिलाई। तिलक सोमवार (29 सितंबर) को हैदराबाद लौटे, जहां उनका जोरदार स्वागत हुआ। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कप्तान सूर्यकुमार यादव के बयान को दोहराते हुए कहा कि वर्तमान में पाकिस्तानी टीम भारत के मुकाबले कहीं नहीं ठहरती।
कप्तान का समर्थन
सूर्यकुमार ने 21 सितंबर को सुपर 4 राउंड में पाकिस्तान को हराने के बाद कहा था कि अब भारत और पाकिस्तान के बीच कोई प्रतिद्वंद्विता नहीं है। तिलक ने इस बात का समर्थन किया, लेकिन उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि फाइनल में 147 रनों के लक्ष्य का पीछा करते समय उन पर दबाव था। उन्होंने कहा कि भले ही प्रतिद्वंद्विता का कोई सवाल नहीं है, पाकिस्तान हर मैच में बल्लेबाजों के लिए अलग रणनीतियाँ बनाता है।
दबाव में बल्लेबाजी
प्रेस कॉन्फ्रेंस में तिलक ने कहा, "मैं कप्तान सूर्यकुमार यादव से सहमत हूँ कि कोई प्रतिद्वंद्विता नहीं है। पाकिस्तान हमारा मुकाबला नहीं है। लेकिन हर विरोधी टीम अलग-अलग योजनाएँ बनाती है। जब मैं बल्लेबाजी करने उतरा, तो मुझ पर दबाव था और मैं थोड़ा घबराया हुआ भी था। मेरे दिमाग में बहुत कुछ चल रहा था, लेकिन मैं केवल अपने देश के बारे में सोच रहा था और 140 करोड़ भारतीयों के लिए मैच जीतना चाहता था।"
पाकिस्तानी खिलाड़ियों की रणनीति
तिलक ने आगे कहा, "जब भारत ने तीन विकेट खो दिए थे, तो पाकिस्तानी खिलाड़ी मुझ पर दबाव बनाने लगे। उन्होंने मुझे स्लेजिंग करने की कोशिश की, लेकिन मैंने धैर्य बनाए रखा और जल्दबाज़ी में कोई शॉट नहीं खेला। मैंने मैच के बाद उनका जवाब देने का फैसला किया। भारत-पाकिस्तान मैचों में ऐसा अक्सर होता है, और मैं यह नहीं बता सकता कि कैमरे के सामने क्या हुआ।"
दबाव में प्रदर्शन
तिलक वर्मा तब बल्लेबाज़ी करने आए जब भारत का स्कोर 10/2 था, और जल्द ही यह 20/3 हो गया। उस समय दबाव बहुत अधिक था। इस बाएँ हाथ के बल्लेबाज़ ने बताया कि पाकिस्तानी क्रिकेटर विकेट लेने के मौके को भाँपते हुए बल्लेबाज़ों पर जोरदार प्रहार कर रहे थे। हालांकि, तिलक ने उनकी हरकतों का जवाब न देने का निर्णय लिया और केवल अच्छे क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित किया।