तालिबान ने पाकिस्तान के आरोपों को किया खारिज, भारत के साथ संबंधों पर जोर
तालिबान ने पाकिस्तान द्वारा भारत पर लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए अपने संबंधों को मजबूत करने की इच्छा व्यक्त की है। अफगान रक्षा मंत्री मोहम्मद याकूब ने कहा कि अफगानिस्तान किसी तीसरे देश के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेगा। उन्होंने पाकिस्तान की आक्रामक कार्रवाइयों को हाल की झड़पों का कारण बताया और शांति समझौते के सफल कार्यान्वयन के लिए सभी पक्षों की जिम्मेदारियों पर जोर दिया। यह प्रतिक्रिया तब आई है जब भारत और अफगानिस्तान के बीच संबंध सुधार की दिशा में बढ़ रहे हैं।
Oct 22, 2025, 22:23 IST
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तालिबान का स्पष्ट बयान
नई दिल्ली। अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने पाकिस्तान द्वारा भारत पर लगाए गए आरोपों को पूरी तरह से अस्वीकार कर दिया है। हाल ही में, पाकिस्तान ने अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर हुई झड़पों में भारत की संलिप्तता का आरोप लगाया था, जिसे काबुल ने "बेबुनियाद, तर्कहीन और अस्वीकार्य" करार दिया है।
भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने की इच्छा
अफगान रक्षा मंत्री मोहम्मद याकूब ने स्पष्ट किया कि अफगानिस्तान का उद्देश्य भारत के साथ अपने संबंधों को और मजबूत करना है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह किसी अन्य देश के खिलाफ कार्रवाई करेगा। याकूब, तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर के पुत्र हैं, और उन्होंने कतरी मीडिया अल जजीरा को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि अफगान नीति कभी भी अपनी भूमि का उपयोग किसी अन्य देश के खिलाफ नहीं करती है। भारत के साथ एक मजबूत और स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में संबंध बनाए रखना उनकी प्राथमिकता है।
पाकिस्तान के आरोपों का खंडन
तालिबान ने हमेशा पाकिस्तान के आरोपों को खारिज किया है, जिसमें तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) जैसे उग्रवादी समूहों को अफगानिस्तान में शरण देने का आरोप शामिल है। याकूब ने कहा कि हाल की झड़पों के लिए पाकिस्तान की आक्रामक कार्रवाइयां, जैसे काबुल पर हवाई हमले, जिम्मेदार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कतर और तुर्की को शांति समझौते के कार्यान्वयन में मदद और निगरानी करनी चाहिए।
अफगानिस्तान-पाकिस्तान संबंध
वर्तमान स्थिति में, अफगानिस्तान पाकिस्तान के साथ अच्छे पड़ोसी संबंध बनाए रखना चाहता है, लेकिन इसके लिए आपसी सम्मान और सीमा का उल्लंघन न करने जैसी प्रतिबद्धताओं का पालन आवश्यक है। याकूब ने चेतावनी दी कि यह शांति समझौता तभी सफल होगा जब सभी पक्ष अपनी जिम्मेदारियों को समझें और सीमा उल्लंघन से बचें। अफगान तालिबान की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है जब भारत और अफगानिस्तान के बीच संबंध धीरे-धीरे सुधार की दिशा में बढ़ रहे हैं, हालांकि नई दिल्ली ने तालिबान सरकार को अभी तक आधिकारिक रूप से मान्यता नहीं दी है।