तमिलनाडु सरकार को हिरासत में हुई मौत पर 25 लाख रुपये का मुआवज़ा देने का आदेश

मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार को निर्देश दिया है कि वह हिरासत में मारे गए अजित कुमार के परिवार को 25 लाख रुपये का मुआवज़ा दे। अदालत ने पहले से निर्धारित मुआवज़े की राशि को अपर्याप्त मानते हुए इसे बढ़ाने का आदेश दिया। अजित की हिरासत में मौत का मामला तब सुर्खियों में आया जब एक वीडियो में उन्हें पीटते हुए दिखाया गया। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और अदालत के आदेश के पीछे की कहानी।
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तमिलनाडु सरकार को हिरासत में हुई मौत पर 25 लाख रुपये का मुआवज़ा देने का आदेश

मद्रास उच्च न्यायालय का महत्वपूर्ण निर्णय

मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने मंगलवार को तमिलनाडु सरकार को निर्देश दिया कि वह 28 जून को हिरासत में मारे गए अजित कुमार के परिवार को 25 लाख रुपये का अंतरिम मुआवज़ा प्रदान करे। अदालत ने राज्य के सहयोग को ध्यान में रखते हुए पहले से निर्धारित मुआवज़े की राशि बढ़ाने का आदेश दिया। यह आदेश तब आया जब सरकार ने अदालत को बताया कि उसने पहले ही अजित कुमार के भाई को 7.5 लाख रुपये, तीन सेंट ज़मीन और एक सरकारी नौकरी आवंटित की है।


अदालत का मुआवज़ा बढ़ाने का आदेश

हालांकि, अदालत ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के निष्कर्षों को देखते हुए इस राशि को अपर्याप्त माना और राज्य को निर्देश दिया कि वह कुल 25 लाख रुपये का भुगतान करे। मामले की अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी। अजित की हिरासत में मौत का मामला तब सुर्खियों में आया जब एक वीडियो सामने आया जिसमें उन्हें डंडे से पीटते हुए दिखाया गया। उन्हें आभूषण चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और कथित तौर पर 27 जून को एक गौशाला में ले जाया गया, जहाँ उन्हें प्रताड़ित किया गया और अगले दिन उनकी मृत्यु हो गई।


पुलिस की प्रारंभिक रिपोर्ट और पोस्टमार्टम के निष्कर्ष

पुलिस ने पहले कहा था कि अजित को भागने के प्रयास के दौरान मिर्गी का दौरा पड़ा, लेकिन पोस्टमार्टम और जांच के परिणाम इसके विपरीत थे। मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा आदेशित न्यायिक जांच ने इसे हिरासत में हुई मौत के मामले के रूप में पुष्टि की। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अजित कुमार के साथ हुई हिंसा के गंभीर विवरण सामने आए, जिसमें 44 चोटें, 30 से अधिक स्थानों पर गहरी चोटें, और अंगों में आंतरिक रक्तस्राव शामिल था।