तमिलनाडु में भाजपा की चुनावी रणनीति: छोटे दलों के साथ गठबंधन की कोशिशें
तमिलनाडु विधानसभा चुनावों के मद्देनजर, भाजपा ने छोटे क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। पार्टी का लक्ष्य डीएमके विरोधी वोटों को एनडीए के पक्ष में मोड़ना है। भाजपा की रणनीति में अभिनेता थलपति विजय की पार्टी के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करना शामिल है। इसके अलावा, अन्नाद्रमुक के भीतर आंतरिक मतभेद भी उभर रहे हैं। जानें इस राजनीतिक परिदृश्य में क्या हो रहा है और भाजपा की आगामी योजनाएँ क्या हैं।
Oct 8, 2025, 18:15 IST
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भाजपा की नई राजनीतिक रणनीति
तमिलनाडु विधानसभा चुनावों से पहले, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य में नए राजनीतिक समीकरण स्थापित करने की दिशा में प्रयास तेज कर दिए हैं। पार्टी का ध्यान छोटे क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन करके राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को मजबूत करने पर केंद्रित है। चुनाव प्रभारी जय पांडा और सह-प्रभारी मुरलीधर मोहोल ने हाल ही में तमिलनाडु का दौरा किया, जहां उन्होंने राज्य भाजपा नेतृत्व और अन्नाद्रमुक के नेताओं के साथ विस्तृत रणनीतिक चर्चा की। सूत्रों के अनुसार, भाजपा का उद्देश्य छोटे दलों के साथ संभावित गठजोड़ की संभावनाओं की खोज करना है, ताकि राज्य में मौजूदा डीएमके विरोधी भावना को एनडीए के पक्ष में मोड़ा जा सके।
भाजपा की चुनावी चुनौतियाँ
भाजपा के आंतरिक आकलन से पता चलता है कि अभिनेता थलपति विजय की पार्टी, टीवीके, के पास वर्तमान में लगभग 20 प्रतिशत वोट हैं, जिनमें से लगभग 60 प्रतिशत एनडीए विरोधी हैं। इसलिए, भाजपा विजय की बढ़ती लोकप्रियता का मुकाबला करने के लिए एक योजना पर काम कर रही है। इस बीच, एनडीए के एक महत्वपूर्ण घटक, पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) में आंतरिक मतभेद उभरकर सामने आए हैं। सूत्रों के अनुसार, वरिष्ठ नेता एस रामदास एनडीए के साथ बने रहने की संभावना रखते हैं, जबकि उनके बेटे ए रामदास तटस्थ रहने या टीवीके के साथ गठबंधन करने पर विचार कर रहे हैं।
राजनीतिक बदलाव की संभावना
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नवंबर में तमिलनाडु की राजनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल सकता है, क्योंकि ओ. पन्नीरसेल्वम (ओपीएस), वी.के. शशिकला और टीटीवी दिनाकरन के नेतृत्व वाले अन्नाद्रमुक के तीन गुट अपनी भविष्य की रणनीति और राजनीतिक स्थिति पर महत्वपूर्ण निर्णय ले सकते हैं। भाजपा की मुख्य रणनीति स्पष्ट है - छोटी पार्टियों को एनडीए के तहत लाकर डीएमके विरोधी वोटों के विभाजन को रोकना। हालांकि, निष्कासित अन्नाद्रमुक नेताओं को शामिल करने को लेकर गठबंधन के भीतर मतभेद बने हुए हैं।
भाजपा और अन्नाद्रमुक का संयुक्त अभियान
पार्टी सूत्रों के अनुसार, हाल ही में दिल्ली में हुई एक बैठक में, ई. पलानीस्वामी ने गृह मंत्री अमित शाह को बताया कि निष्कासित नेताओं को वापस लाने से एनडीए की एकता प्रभावित हो सकती है। अगले महीने से भाजपा और अन्नाद्रमुक सत्तारूढ़ द्रमुक सरकार को निशाना बनाते हुए एक संयुक्त अभियान शुरू करने की योजना बना रहे हैं, जिसमें जनता की शिकायतों और राज्य के मुद्दों को उजागर किया जाएगा।