तमिलनाडु की राजनीति में पिता-पुत्र के बीच संघर्ष: PMK में उथल-पुथल

तमिलनाडु की राजनीति में एक नया संकट उभरा है, जब पाटाली मक्कल कचि (PMK) के संस्थापक एस. रामादोस ने अपने बेटे अन्बुमनी रामादोस को पार्टी से निष्कासित कर दिया। यह घटना न केवल राजनीतिक विवाद को दर्शाती है, बल्कि पिता-पुत्र के रिश्ते में तनाव को भी उजागर करती है। अन्बुमनी के निष्कासन के बाद, PMK के भविष्य और तमिलनाडु की राजनीतिक स्थिरता पर कई सवाल उठ रहे हैं। क्या अन्बुमनी एक नए राजनीतिक मंच पर जाएंगे? जानें इस संघर्ष के पीछे की कहानी और इसके संभावित प्रभाव।
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तमिलनाडु की राजनीति में पिता-पुत्र के बीच संघर्ष: PMK में उथल-पुथल

तमिलनाडु में राजनीतिक संकट

तमिलनाडु की राजनीतिक स्थिति में एक नया संकट उभरा है, जिसमें पाटाली मक्कल कचि (PMK) के संस्थापक एस. रामादोस ने अपने बेटे और पार्टी अध्यक्ष अन्बुमनी रामादोस को पार्टी से बाहर कर दिया है। रामादोस का कहना है कि उनका बेटा राजनीति के लिए 'अनफिट' है और पार्टी को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है।


पारिवारिक तनाव का संकेत

यह घटना केवल राजनीतिक विवाद तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पिता-पुत्र के रिश्ते में भी तनाव को दर्शाती है। अगस्त में, रामादोस ने आरोप लगाया था कि अन्बुमनी ने उनके फार्महाउस में निगरानी उपकरण लगाए थे। अन्बुमनी ने इस पर चुप्पी साध रखी है और अपनी पदयात्रा जारी रखी है, जो उनके बीच की खटास को दर्शाता है।


पार्टी में बदलाव

रामादोस ने अप्रैल में खुद को पार्टी का अध्यक्ष बनाया और अन्बुमनी को कार्यकारी अध्यक्ष घोषित किया। इससे पिता-पुत्र के बीच संघर्ष की शुरुआत हुई, जो पिछले दो महीनों से सार्वजनिक रूप से दिखाई दे रहा है। रामादोस का आरोप है कि अन्बुमनी के नेतृत्व में पार्टी भाजपा की ओर झुक रही है।


PMK की स्थिति

PMK की वर्तमान स्थिति यह है कि वन्नियार मतदाता में इसका प्रभाव कम हो रहा है, फिर भी यह लगभग 5 प्रतिशत वोट बैंक पर कायम है। पार्टी ने अतीत में केंद्र में मंत्री पद भी संभाला है। 1989 में वन्नियारों के हितों के लिए स्थापित होने के बाद, यह पार्टी DMK और AIADMK के बीच झूलती रही है।


राजनीतिक भविष्य

अन्बुमनी के निष्कासन के बाद, तमिलनाडु की राजनीति में कई संभावित बदलाव आ सकते हैं। अन्बुमनी एक नए राजनीतिक मंच पर जा सकते हैं, जिससे PMK के वोट बैंक में बंटवारा हो सकता है। रामादोस का प्रयास केवल द्रविड़ दलों से जुड़ने का, भाजपा के प्रभाव को सीमित कर सकता है।


नए समीकरणों की संभावना

PMK के भीतर पिता-पुत्र का यह संघर्ष केवल पारिवारिक मामला नहीं है, बल्कि यह तमिलनाडु की राजनीति में नए समीकरण बनाने का संकेत है। रामादोस चाहते हैं कि पार्टी वन्नियार समाज के मूल एजेंडे पर केंद्रित रहे, जबकि अन्बुमनी अपने दृष्टिकोण से पार्टी को आगे बढ़ाना चाहते थे।