तमिलनाडु की 48 पार्टियों का SIR के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाने का निर्णय

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के नेतृत्व में 48 राजनीतिक पार्टियों ने SIR के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाने का निर्णय लिया है। यह कदम देशभर में SIR के दूसरे चरण के विरोध के बीच उठाया गया है। स्टालिन ने सभी दलों से एकजुट होकर इस प्रक्रिया का विरोध करने की अपील की है। जानें इस महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम के बारे में और क्या है SIR का असली उद्देश्य।
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तमिलनाडु की 48 पार्टियों का SIR के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाने का निर्णय

SIR के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाने का निर्णय

तमिलनाडु की 48 पार्टियों का SIR के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाने का निर्णय

सीएम स्टालिन और सुप्रीम कोर्ट.

देशभर में SIR के दूसरे चरण के खिलाफ विपक्षी दलों का विरोध बढ़ता जा रहा है, और अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचने वाला है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के नेतृत्व में 48 राजनीतिक पार्टियों ने SIR के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाने का निर्णय लिया है। इस फैसले को एक सर्वदलीय बैठक में मंजूरी दी गई है। उल्लेखनीय है कि SIR का दूसरा चरण 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू होने वाला है।

सर्वदलीय बैठक के बाद, स्टालिन ने X पर लिखा कि SIR का असली उद्देश्य लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों को छीनना है, और सभी राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी है कि वे इस प्रक्रिया का विरोध करें।

स्टालिन ने कहा, “तमिलनाडु के लोगों के मताधिकार को छीनने और लोकतंत्र को कमजोर करने के इरादे से जल्दबाजी में लागू किए जा रहे SIR के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाना सभी दलों का कर्तव्य है।”

आयोग से समय की मांग

उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि भारत के चुनाव आयोग को 2026 के विधानसभा चुनावों के बाद मतदाता सूचियों में संशोधन के लिए पर्याप्त समय लेना चाहिए। स्टालिन ने कहा, “मतदाता सूची में संशोधन के दौरान भ्रम और शंकाओं के कारण, हमारी मांग है कि इसे 2026 के आम चुनावों के बाद बिना किसी समस्या के किया जाए। चूंकि ECI ने हमारी मांग को नहीं माना है, इसलिए हमने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का निर्णय लिया है।”

अन्य दलों से अपील

स्टालिन ने बैठक में शामिल दलों का आभार व्यक्त किया और जिन दलों ने भाग नहीं लिया, उनसे अपील की कि वे अपनी पार्टियों में SIR पर चर्चा करें और लोकतंत्र की रक्षा के लिए पहल करें।

हालांकि DMK द्वारा आयोजित इस बैठक में 48 दलों ने भाग लिया, लेकिन अभिनेता से नेता बने विजय की तमिलगा वेत्री कझगम (TVK) इसमें शामिल नहीं हुई। इस अनुपस्थिति के कारण DMK और TVK के बीच विवाद उत्पन्न हो गया है।